सीतापुर: जिले से होकर गुजरने वाली दो प्रमुख नदियों का जल जल्द ही स्वच्छ और निर्मल दिखेगा. जिला प्रशासन ने इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की है जिसके मुताबिक जल निगम ने सर्वे का काम भी पूरा कर लिया है. इन दोनों नदियों की साफ-सफाई का काम पूरा होने से न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि श्रद्धालुओं को भी बड़ी राहत मिलेगी.
दो नदियां होकर गुजरती है
88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य का पूरे देश मे धार्मिक महत्व है. आदिगंगा गोमती नदी इसी तीर्थ स्थल से होकर गुजरती है. नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालु इस नदी में स्नान करने के बाद दर्शन पूजन की परंपरा निभाते हैं. पिछले कुछ समय से गोमती नदी का पानी तेजी से प्रदूषित हुआ है. यह नदी करीब 100 किलोमीटर इस जनपद की सीमा के भीतर बहती है, लिहाजा इसका खासा महत्व है.
जिला प्रशासन ने बनाई साफ-सफाई की कार्य योजना
जिला मुख्यालय पर शहर के बीचोबीच से होकर गुजरने वाली सरायन नदी का भी इस जिले में अहम मुकाम है. इस नदी में तमाम नालों के गिरने और नदी के प्राकृतिक स्रोतों के बंद होने के कारण इस नदी का जल भी काफी दूषित हो गया है. इन दोनों नदियों के धार्मिक एवं स्थानीय महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने इनकी साफ-सफाई की कार्य योजना तैयार की है.
बायो- रेडिएशन के जरिए की जाएगी साफ-सफाई
जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने बताया कि बायो- रेडिएशन के जरिए नदी के जल की सफाई का काम कराया जाएगा. जल निगम ने इसके लिए सर्वे कार्य भी पूरा कर लिया है.इसके लिए उसे कुछ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, जिसे प्रशासन उपलब्ध कराएगा.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरायन नदी में शारदा सहायक नहर का पानी भी पहुंचाया जाएगा ताकि सरायन नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी की साफ- सफाई का काम बेहतर ढंग से पूरा किया जा सके. गौरतलब है कि सरायन नदी भी आगे जाकर गोमती नदी में मिलती है लिहाजा सरायन नदी की सफाई का लाभ गोमती नदी को भी मिलेगा.
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