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सिद्धार्थनगर: ग्राम प्रधान पर आवास के नाम पर गरीबों से रिश्वत लेने का आरोप - सिद्धार्थनगर प्रशासन

यूपी के सिद्धार्थनगर में साबिरा, असरुन्निशा समेत कुछ गरीब परिवार आवास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. आरोप है कि आवास देने के नाम पर ग्राम प्रधान ने गरीबों से पांच-पांच हजार रुपये की वसूली की थी. इसके बाद भी किसी को अभी तक आवास नहीं मिला.

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पीड़िता.
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Published : Sep 21, 2020, 12:13 PM IST

सिद्धार्थनगर: जिले के बसडीलिया गांव की साबिरा, असरुन्निशा नाम की दो महिला समेत कुछ गरीब परिवार पीएम आवास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. इन दोनों का कहना है कि बसडीलिया गांव की ग्राम प्रधान सरिया खातून ने आवास देने के नाम पर इन लोगों से पांच-पांच हजार रुपये की वसूली की. इसके बाद भी पीड़ितों को आवास नहीं मिला. पीड़ितों का कहना है कि इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

मीडिया से बात करती पीड़िता.

मामला डुमरियागंज ब्लॉक के बसडीलिया गांव का है. गांव में दो महिलाओं समेत कई लोग कई पुश्तों से यहां रह रहे हैं. मेहनत मजदूरी कर रहे परिवार का पालन पोषण करने वाले गरीबों के पास खुद का घर नहीं है. गरीबों की दशा गांव के प्रधान और सचिव को नजर नहीं आ रही. ग्राम प्रधान सरिया खातून की नजर में ये गरीब परिवार आवास के लिए अपात्र है. पीड़ितों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सरिया खातून और सेक्रेटरी ने आवास देने के लिए उनसे पांच-पांच हजार रुपए लिए. बावजूद इसके उन्हें आवास नहीं मिला. ग्राम प्रधान से कई बार कहने पर गरीबों को सिर्फ आश्वासन ही मिला.

गांव की एक पीड़ित महिला साबिरा का कहना है कि हमसे आवास के नाम पांच हजार रुपए लिए गए थे. तीन साल हो गया है. न घर मिला है, न ही पैसा. पति विकलांग है. छोटे-छोटे दो बच्चे हैं.

मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग ने कहा कि मामले की छानबीन कराई जा रही है. जो आवास के लिए पात्र हैं, उन्हों तत्काल आवास दिलाया जाएगा. अन्य शिकायतों को संज्ञान में लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सिद्धार्थनगर: जिले के बसडीलिया गांव की साबिरा, असरुन्निशा नाम की दो महिला समेत कुछ गरीब परिवार पीएम आवास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. इन दोनों का कहना है कि बसडीलिया गांव की ग्राम प्रधान सरिया खातून ने आवास देने के नाम पर इन लोगों से पांच-पांच हजार रुपये की वसूली की. इसके बाद भी पीड़ितों को आवास नहीं मिला. पीड़ितों का कहना है कि इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

मीडिया से बात करती पीड़िता.

मामला डुमरियागंज ब्लॉक के बसडीलिया गांव का है. गांव में दो महिलाओं समेत कई लोग कई पुश्तों से यहां रह रहे हैं. मेहनत मजदूरी कर रहे परिवार का पालन पोषण करने वाले गरीबों के पास खुद का घर नहीं है. गरीबों की दशा गांव के प्रधान और सचिव को नजर नहीं आ रही. ग्राम प्रधान सरिया खातून की नजर में ये गरीब परिवार आवास के लिए अपात्र है. पीड़ितों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सरिया खातून और सेक्रेटरी ने आवास देने के लिए उनसे पांच-पांच हजार रुपए लिए. बावजूद इसके उन्हें आवास नहीं मिला. ग्राम प्रधान से कई बार कहने पर गरीबों को सिर्फ आश्वासन ही मिला.

गांव की एक पीड़ित महिला साबिरा का कहना है कि हमसे आवास के नाम पांच हजार रुपए लिए गए थे. तीन साल हो गया है. न घर मिला है, न ही पैसा. पति विकलांग है. छोटे-छोटे दो बच्चे हैं.

मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग ने कहा कि मामले की छानबीन कराई जा रही है. जो आवास के लिए पात्र हैं, उन्हों तत्काल आवास दिलाया जाएगा. अन्य शिकायतों को संज्ञान में लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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