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उत्तरकाशी टनल से लौटे मजदूरों का गांव में हीरो की तरह स्वागत, रंगोली सजाई, आरती उतारी, डांस कर मनाया जश्न

उत्तरकाशी टनल से लौटे मजदूरों का गांव में हीरों की तरह स्वागत किया गया. इस मौके पर गांव में रंगोली सजाई गई. घर लौटने पर मजूदरों की आरती उतारी गई. इसके साथ ही बच्चों ने डांस कर जश्न मनाया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 7:04 AM IST

Updated : Dec 2, 2023, 9:40 AM IST

उत्तरकाशी टनल से लौटे श्रमिकों का गांव में भव्य़ स्वागत हुआ.

श्रावस्ती: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे श्रावस्ती के सभी मजदूर वापस घर पहुंच गए हैं. 17 दिनों के बाद टनल से रेस्क्यू होने के बाद शुक्रवार की रात 800 किमी का सफर कर श्रमिक घर पहुंचे. रात आठ बजे गांव पहुंचते ही उनका हीरों की तरह स्वागत किया गया. उनके गांव में पहुंचते ही स्वागत को भारी भीड़ उमड़ पड़ी. घर पहुंचने पर परिजनों ने श्रमिकों की आरती उतारी. इस मौके पर बच्चों ने डांस कर मजदूरों के घर लौटने का जश्न मनाया. इस मौके पर श्रमिकों ने पीएम मोदी और उत्तराखंड सरकार का आभार जताया. कहा कि उनके प्रयास से ही वह जीवित लौटे हैं.

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परिजनों ने आराती उतारी.

श्रावस्ती के मोतीपुरकलां गांव शुक्रवार रात आठ बजे पहुंचे मजदूरों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर 600 घरों वाले मोतीपुर गांव को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था. आंगन में रंगोली सजाई गई थी. उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से लौटे मजदूर राम सुंदर की पत्नी शीला, मजदूर संतोष के भाई प्रदीप, मजदूर अंकित के भाई विक्रम, मजदूर राम मिलन की पत्नी सुनीता व मजदूर जय प्रकाश की मां डाकिया के आंखों में आज खुशी के आंसू थे. उनके घर दीवाली की जश्न आज था. जैसे ही मजदूर गांव पहुंचे तो पूरा गांव स्वागत में उमड़ पड़ा. घर पहुंचने पर परिजनों ने मजदूरों की आरती उतारी. वहीं, मजदूर भी कई दिनों बाद परिवार से मिलकर भावुक हो गए. इसके बाद शुरू हुआ जश्न मनाने का दौर. गांव के बच्चों ने फिल्मी गीतों पर जमकर डांस किया. पूरा गांव जश्न में डूब गया. हर तरफ मजदूरों के घर लौटने की खुशियां नजर आने लगीं.

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परिवार से मिलकर भावुक हुए श्रमिक.

गांव की काजल,पूजा, पोलैम, अनूप, राम प्रकाश कहते हैं कि इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है. काजल बताती हैं कि हम लोगों ने रंगोली सजाई है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. शिक्षक करतार राना इस बात की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं कि बचाव कार्य में लगे सभी ने एकजुट होकर इस अभियान में भाग लिया.

श्रमवीरों को मिलेगा गोल्डन कार्ड
उत्तराखंड में निर्माणधीन सिलक्यारा टनल मे फंसे जिले के श्रमवीरों का आगमन हुआ तो जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने कैंप कार्यालय में उनसे से भेंटकर उनका हौसला बढ़ाया. मोतीपुर कला निवासी श्रमिक अंकित कुमार, संतोष कुमार, राम सुंदर, जय प्रकाश व इसी ग्राम पंचायत के रनियापुर के निवासी सत्यदेव, राम मिलन से जानकारी हुई कि किसी भी श्रमिक के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड, गोल्डन कार्ड नहीं है. इस पर डीएम ने श्रमिकों के गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए मातहतों को निर्देश दिए. वहीं, रालोद के जिलाध्यक्ष राजकुमार ओझा ने भी श्रमिकों का भिनगा में माल्यार्पण कर स्वागत किया.

ये भी पढ़ेंः मशीन बंद होते ही खत्म हो जाती थी जिंदा बच निकलने की उम्मीद, ईश्वर पर यकीन और दुआएं आईं काम

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड टनल में फंसे मजदूरों ने ऐसे भेजा था जिंदा होने का संदेश, सुनिए श्रमिकों की जुबानी

उत्तरकाशी टनल से लौटे श्रमिकों का गांव में भव्य़ स्वागत हुआ.

श्रावस्ती: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे श्रावस्ती के सभी मजदूर वापस घर पहुंच गए हैं. 17 दिनों के बाद टनल से रेस्क्यू होने के बाद शुक्रवार की रात 800 किमी का सफर कर श्रमिक घर पहुंचे. रात आठ बजे गांव पहुंचते ही उनका हीरों की तरह स्वागत किया गया. उनके गांव में पहुंचते ही स्वागत को भारी भीड़ उमड़ पड़ी. घर पहुंचने पर परिजनों ने श्रमिकों की आरती उतारी. इस मौके पर बच्चों ने डांस कर मजदूरों के घर लौटने का जश्न मनाया. इस मौके पर श्रमिकों ने पीएम मोदी और उत्तराखंड सरकार का आभार जताया. कहा कि उनके प्रयास से ही वह जीवित लौटे हैं.

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परिजनों ने आराती उतारी.

श्रावस्ती के मोतीपुरकलां गांव शुक्रवार रात आठ बजे पहुंचे मजदूरों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर 600 घरों वाले मोतीपुर गांव को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था. आंगन में रंगोली सजाई गई थी. उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से लौटे मजदूर राम सुंदर की पत्नी शीला, मजदूर संतोष के भाई प्रदीप, मजदूर अंकित के भाई विक्रम, मजदूर राम मिलन की पत्नी सुनीता व मजदूर जय प्रकाश की मां डाकिया के आंखों में आज खुशी के आंसू थे. उनके घर दीवाली की जश्न आज था. जैसे ही मजदूर गांव पहुंचे तो पूरा गांव स्वागत में उमड़ पड़ा. घर पहुंचने पर परिजनों ने मजदूरों की आरती उतारी. वहीं, मजदूर भी कई दिनों बाद परिवार से मिलकर भावुक हो गए. इसके बाद शुरू हुआ जश्न मनाने का दौर. गांव के बच्चों ने फिल्मी गीतों पर जमकर डांस किया. पूरा गांव जश्न में डूब गया. हर तरफ मजदूरों के घर लौटने की खुशियां नजर आने लगीं.

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परिवार से मिलकर भावुक हुए श्रमिक.

गांव की काजल,पूजा, पोलैम, अनूप, राम प्रकाश कहते हैं कि इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है. काजल बताती हैं कि हम लोगों ने रंगोली सजाई है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. शिक्षक करतार राना इस बात की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं कि बचाव कार्य में लगे सभी ने एकजुट होकर इस अभियान में भाग लिया.

श्रमवीरों को मिलेगा गोल्डन कार्ड
उत्तराखंड में निर्माणधीन सिलक्यारा टनल मे फंसे जिले के श्रमवीरों का आगमन हुआ तो जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने कैंप कार्यालय में उनसे से भेंटकर उनका हौसला बढ़ाया. मोतीपुर कला निवासी श्रमिक अंकित कुमार, संतोष कुमार, राम सुंदर, जय प्रकाश व इसी ग्राम पंचायत के रनियापुर के निवासी सत्यदेव, राम मिलन से जानकारी हुई कि किसी भी श्रमिक के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड, गोल्डन कार्ड नहीं है. इस पर डीएम ने श्रमिकों के गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए मातहतों को निर्देश दिए. वहीं, रालोद के जिलाध्यक्ष राजकुमार ओझा ने भी श्रमिकों का भिनगा में माल्यार्पण कर स्वागत किया.

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Last Updated : Dec 2, 2023, 9:40 AM IST
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