श्रावस्ती: जिले में दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं. निचले इलाकों के लगभग पचासों गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. 12 से अधिक कच्चे मकान गिर गए हैं. जमुनहा, बहराइच मार्ग हरिहरपुर करन से गणेशपुर मार्ग, मल्हीपुर मधवापुर (Ganeshpur Marg Malhipur) से जिला मुख्यालय भिनगा मार्ग (District Headquarter Bhinga Marg) पर बाढ़ का पानी बह रहा है. सड़कों पर पानी भर जाने के कारण कई जगहों पर आवाजाही बंद हो गई है. फसलों का भी नुकसान हुआ है. इससे किसानों को भी खासा नुकसान हो रहा है. जबकि, 150 गांवों में तीन दिनों से बिजली नहीं है.
अगर बात राप्ती नदी की करें तो इसका जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. विकासखंड जमुनहा के राप्ती नदी के तट पर बसे गांव के लोग लगातार मूसलाधार बारिश से सहमे हुए हैं. अधिक बरसात होने से प्रशासन ने भी नदी के निकट बसे गांव के लोगों को अलर्ट कर दिया है. बेलरी, गंगाभागड़, गजोबरी, चमारनपुरवा, हसनापुर, बंरगा वीरपुर, लौकिहा, पिपराहवा, जोगिया, शमशेरगढ़, लक्ष्मणपुर, सेमरहनिया, पोदला, पोदिली, दुर्गा पुरवा आदि गांवों में पानी भरने से ग्रामीण सुरक्षित जगह पर जाने के लिए जगह तलाश रहे हैं.
हरिहरपुर रानी, लखाही बेनीनगर, अंधरपुरवा महरौली, कोटवा दहावरकला, भोजपुर, राधा नगर, बेलकर, शिवाजोत, गणेशीजोत, बनियन पुरवा, बढ़ई पुरवा, मनोहरपुर तिवारी, पुरवा लौकिहा, नरायनजोत, मलौना खासियारी समेत समूचे क्षेत्र में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. भारी बारिश की तबाही से धान की फसल नष्ट हो गई है. जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि भारी बारिश से बचाव को लेकर सुरक्षात्मक तरीके अपनाएं. जलभराव वाले स्थानों और बिजली के खंभों से दूरी बनाएं रखें, जिला अधिकारी ने हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत सभी बाढ़ चौकी प्रभारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
डीएम ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर की निरन्तर निगरानी की जा रही है. राप्ती नदी पर खतरे के निशान का जलस्तर 127.70 सेमी है. जबकि गुरुवार सुबह सात बजे राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर का 129.00 सेमी पाया गया है, जो की खतरे के निशान से एक मीटर 30 सेमी उपर है. उधर नेपाल वेस्ट राप्ती कुसुम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वेस्ट राप्ती कुसुम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 120 सेमी ऊपर पहुंच गया है. यह आंकड़े नेपाल की एक वेबसाइट पर आधारित है.
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