सहारनपुर: जिले में एक बार फिर से ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. जिलाधिकारी ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए न सिर्फ नेपाली परिवारों की सुध ली बल्कि उन्हें नेपाल बॉर्डर तक भेजने का भरोसा दिया है. शोहराब रोड पर किराए पर रह रहे 30 से ज्यादा नेपाली परिवारों ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां किया था.
नेपाली परिवारों ने शासन-प्रशासन से अपने देश भेजने की गुहार लगाई थी. ईटीवी भारत ने लॉकडाउन में फंसे नेपाली परिवारों की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था, जिसके बाद डीएम ने नेपाली नागरिकों को दफ्तर बुलाकर बसों के जरिए नेपाल बॉर्डर तक पहुंचाने का भरोसा दिया. डीएम के आश्वासन पर नेपाली नागरिकों ने ईटीवी भारत को धन्यावाद दिया है.
आपको बता दें कि जिले के शोहराब रोड पर 30 से ज्यादा नेपाली परिवार लॉकडाउन में फंस गए. ये सभी सर्दियों के मौसम में जड़ी बूटियां, मसाले, गर्म कपड़े और फेरी लगाकर बेचने आए थे. कोरोना वायरस की वजह से अचानक लॉकडाउन लग गया, जिससे सभी नेपाली परिवार यहीं फंसकर रह गए. जानकारी के मुताबिक महिलाओं और बच्चों समेत करीब 200 नागरिक किराए के मकानों में रह रहे थे.
इस दौरान इनके पास जमा पूंजी और खाने का राशन सब खत्म हो गया. आर्थिक संकट के साथ भूखमरीं के कगार पर पहुंच गए. 2 महीनों से महज एक वक्त खाना खाकर जिंदगी बसर कर रहे थे तभी लॉकडाउन की पड़ताल के दौरान ईटीवी भारत की नजर इन पर पड़ गई. जब संवाददाता नेपाली परिवारों के बीच पहुंचे तो इन मजबूरों ने अपना दर्द साझा किया.
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ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेकर डीएम अखिलेश सिंह ने इन परिवारों की सुध ली. उन्होंने नेपाली परिवारों के जिम्मेदारों को दफ्तर बुलाकर उनका दर्द सुना और सभी नागरिकों की सूची मांगी. साथ ही परिवहन निगम की बसों से नेपाल बॉर्डर तक छुड़वाने का आश्वासन दिया है. डीएम अखिलेश सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उन्हें खबर के माध्यम से नेपाली परिवारों की जानकारी मिली.
जिलाधिकारी ने बताया कि दो दिन बाद नेपाली परिवारों का मेडिकल चेकअप करने के बाद बसों के जरिए नेपाल बॉर्डर तक भेज दिया जाएगा. इसके लिए बॉर्डर से लगे दोनों देशों के जनपदों के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. ताकि इन्हें जल्द से जल्द इनके देश नेपाल भेजा जा सके. वहीं नेपाली नागरिकों ने डीएम के आश्वासन के बाद ईटीवी भारत का धन्यवाद किया है.