संभल : पुलिस संभल हिंसा का पाकिस्तानी कनेक्शन तलाश रही है. इसके लिए मोबाइल ऐप का सहारा लिया जा रहा है. जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हो गया था. पुलिस ने शारिक साठा गैंग के सदस्य मुल्ला अफरोज को गिरफ्तार किया था. गैंग के गुर्गे ऐप के माध्यम से आपस में बात करते हैं. पुलिस इस ऐप के जरिए उन लोगों तक पहुंच सकती है, जिनके इशारे पर मुल्ला अफरोज ने संभल हिंसा के दौरान पुलिस पर फायरिंग की थी. उसी की गोली से अयान और बिलाल की मौत हुई थी.
शारिक साठा संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला दीपा सराय का रहने वाला है. वाहन चोरी से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला शारिक साठा ऑटो लिफ्टर गैंग का बड़ा सदस्य है. वह उत्तर भारत का सबसे बड़ा ऑटो लिफ्टर गैंग का सरगना है. पुलिस के मुताबिक शारिक साठा एक साल में 400 से 500 गाड़ियां चोरी करता है. वाहन चोरी के अलावा हथियारों की तस्करी में भी उसका गैंग एक्टिव है.
SP कृष्ण कुमार विश्नोई के मुताबिक शारिक साठा पर 54 मुकदमे दर्ज हैं. संभल में करीब 20 केस हैं. यही नहीं वर्ष 2020 में शारिक साठा फर्जी पासपोर्ट से विदेश भाग गया था. वर्तमान में पुलिस के पास शारिक साठा की कोई लोकेशन नहीं है. शारिक साठा का गैंग अभी भी संभल में पूरी तरह से सक्रिय है. संभल हिंसा के दौरान बिलाल एवं अयान की हत्या में पकड़ा गया मुल्ला अफरोज शारिक साठा गैंग का का गुर्गा है.
इस गैंग के सदस्य आपस में ऐप से बात करते हैं. पुलिस का दावा है कि इस गैंग के सदस्य विदेशी हथियारों की भी तस्करी करते हैं. संभल हिंसा के दौरान जिन कारतूसों का इस्तेमाल किया गया था उनमें पाकिस्तान और अमेरिका के भी कारतूस थे. ऐसे में कही न कहीं इस गैंग का कनेक्शन पाकिस्तान से होने के कयास लगाए जा रहे हैं. पुलिस शारिक साठा की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में है. गैंग के दूसरे स्थानीय सदस्यों के भी जल्द पकड़े जाने की उम्मीद है.
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