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लाॅकडाउन: अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे निजी स्कूल - schools are forcing parents to deposit fees

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में लाॅकडाउन के दौरान निजी स्कूल फीस जमा करने और किताबें खरीदने का दबाव अभिभावकों पर बना रहे हैं. इससे नाराज अभिभावकों ने स्कूलों से फीस माफ कराने के लिए प्रशासन से अपील की है. साथ ही गार्जियन राइ़ट्स संस्था से भी शिकायत की है.

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संकल्प नैब, गार्जियन राइट्स संस्था
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Published : May 9, 2020, 9:32 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: लाॅकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को जून माह के बाद फीस जमा कराने का निर्देश जारी किया है. वहीं जिले के निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने और किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं. इससे नाराज अभिभावकों ने अप्रैल से लेकर जून तक की फीस को माफ कराने ले लिए गार्जियन राइट्स संस्था के तहत प्रशासन से अपील की है.

जानकारी देते गार्जियन राइ़ट्स संस्था के संस्थापक संकल्प नैब.

अभिभावकों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं, लेकिन स्कूल संचालक फीस जमा करने और महंगे दाम पर स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसके अलावा 10 मिनट ऑनलाइन क्लास चलाने का ड्रामा कर स्कूलों की ओर से फीस जमा करने के लिए फोन और मैसेज किया जा रहा है. निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जिले की गार्जियन राइट्स संस्था से मिलकर अभिभावकों ने प्रशासन से फीस माफ करने की अपील की है.

गार्जियन राइट्स संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से न तो स्कूल खुले हैं और न ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. इस समय सभी कामकाज भी बंद हैं. ऐसे में अभिभवाक फीस कहां से जमा करेंगे. संस्था ने इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित जिले के डीएम को ट्वीट किया है. हालांकि कुछ निजी स्कूलों ने संस्था की अपील के बाद तीन महीने की फीस नहीं लेने की बात कही है. संस्था के फाउंडर संकल्प नैब ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तो स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

सहारनपुर: लाॅकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को जून माह के बाद फीस जमा कराने का निर्देश जारी किया है. वहीं जिले के निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने और किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं. इससे नाराज अभिभावकों ने अप्रैल से लेकर जून तक की फीस को माफ कराने ले लिए गार्जियन राइट्स संस्था के तहत प्रशासन से अपील की है.

जानकारी देते गार्जियन राइ़ट्स संस्था के संस्थापक संकल्प नैब.

अभिभावकों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं, लेकिन स्कूल संचालक फीस जमा करने और महंगे दाम पर स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसके अलावा 10 मिनट ऑनलाइन क्लास चलाने का ड्रामा कर स्कूलों की ओर से फीस जमा करने के लिए फोन और मैसेज किया जा रहा है. निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जिले की गार्जियन राइट्स संस्था से मिलकर अभिभावकों ने प्रशासन से फीस माफ करने की अपील की है.

गार्जियन राइट्स संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से न तो स्कूल खुले हैं और न ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. इस समय सभी कामकाज भी बंद हैं. ऐसे में अभिभवाक फीस कहां से जमा करेंगे. संस्था ने इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित जिले के डीएम को ट्वीट किया है. हालांकि कुछ निजी स्कूलों ने संस्था की अपील के बाद तीन महीने की फीस नहीं लेने की बात कही है. संस्था के फाउंडर संकल्प नैब ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तो स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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