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इस्लाम के खिलाफ है 'जय श्री राम' बोलनाः देवबंदी उलेमा - जय श्री राम इस्लाम के मुताबिक गैर जायज

देवबंदी उलेमाओं ने 'जय श्री राम' को इस्लाम के खिलाफ करार दिया है. उनका कहना है कि इस्लाम में इस तरह के किसी नारे की इजाजत नहीं है. भाजपा प्रवक्ता सैयद मुमिनुल असवाल के 'जय श्री राम' बोलने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उलेमाओं ने यह बात कही है.

देवबंदी उलेमा ने जय श्री राम को बताया इस्लाम के खिलाफ.
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Published : Jul 30, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: बीजेपी प्रवक्ता और असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अध्यक्ष सैयद मुमिनुल असवाल ने हाल ही में 'जय श्री राम' बोलने को इस्लाम में जायज करार दिया था. उनके इस बयान पर देवबंदी उलेमाओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही उलेमाओं का कहना है कि जय श्री राम बोलना इस्लाम के सख्त खिलाफ है. इस्लाम किसी भी सूरत में ऐसे नारों को जायज नहीं ठहराता है.

देवबंदी उलेमा ने जय श्री राम को बताया इस्लाम के खिलाफ.
क्या बोले देवबंदी उलेमा देवबंदी मदरसा संचालक मौलाना लतफुर्रह्मान सादिक कासमी ने कहा कि मुस्लिमों को जय श्री राम नहीं बोलना चाहिए. इस्लाम हमें इस बात की इजाजत नहीं देता है. अगर कोई मुस्लिम यह बोलता है तो वो इस्लाम के हवाले से सही नहीं है. जय श्री राम जैसे किसी भी नारे के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है. इस तरह के बयानबाजी से देश के हालात बिगड़ सकते हैं. भारत सभी मजहब और संप्रदायों को मानने वाले लोगों का मुल्क है. यहां साजिश के तहत लोगों को 'जय श्री राम' बोलने पर मजबूर किया जा रहा है. यह मुल्क के अमन और शांति के लिए किसी भी लिहाज से सही नहीं है.

सहारनपुर: बीजेपी प्रवक्ता और असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अध्यक्ष सैयद मुमिनुल असवाल ने हाल ही में 'जय श्री राम' बोलने को इस्लाम में जायज करार दिया था. उनके इस बयान पर देवबंदी उलेमाओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही उलेमाओं का कहना है कि जय श्री राम बोलना इस्लाम के सख्त खिलाफ है. इस्लाम किसी भी सूरत में ऐसे नारों को जायज नहीं ठहराता है.

देवबंदी उलेमा ने जय श्री राम को बताया इस्लाम के खिलाफ.
क्या बोले देवबंदी उलेमा देवबंदी मदरसा संचालक मौलाना लतफुर्रह्मान सादिक कासमी ने कहा कि मुस्लिमों को जय श्री राम नहीं बोलना चाहिए. इस्लाम हमें इस बात की इजाजत नहीं देता है. अगर कोई मुस्लिम यह बोलता है तो वो इस्लाम के हवाले से सही नहीं है. जय श्री राम जैसे किसी भी नारे के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है. इस तरह के बयानबाजी से देश के हालात बिगड़ सकते हैं. भारत सभी मजहब और संप्रदायों को मानने वाले लोगों का मुल्क है. यहां साजिश के तहत लोगों को 'जय श्री राम' बोलने पर मजबूर किया जा रहा है. यह मुल्क के अमन और शांति के लिए किसी भी लिहाज से सही नहीं है.
Intro:मुस्लिम, 'जय श्री राम' कह सकते हैं। राम एक राजा थे, जिसके लिए हम राम राज्य के बारे में बात करते हैं। राम एक युग-निर्माता थे। 'जय श्री राम' कहने पर कोई प्रतिबंध नहीं हो सकता है," अवल ने कहा, असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अध्यक्ष।



Body:मुसलमान कह सकते हैं 'जय श्री राम': असम बीजेपी नेता *

असम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता सईद मोमिनुल अवल ने रविवार को यहां कहा, "जय श्री राम" कहने के लिए इस्लाम में कोई प्रतिबंध नहीं था।

"मुस्लिम, 'जय श्री राम' कह सकते हैं। राम एक राजा थे, जिसके लिए हम राम राज्य के बारे में बात करते हैं। राम एक युग-निर्माता थे। 'जय श्री राम' कहने पर कोई प्रतिबंध नहीं हो सकता है," अवल ने कहा, असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अध्यक्ष।

             इस पर देवबंदी मदरसा संचालक मौलाना लतफुर्रह्मान सादिक कासमी ने कहा जय श्री राम मुस्लिम को नही बोलना चाहिए। इस्लाम हमे इस बात की इजाज़त नही देता। अगर किसी कोई मुस्लिम यह बोलता है तो वो इस्लामिक दृष्टि से सही नही है। पर इस्लाम मे इसके लिये कोई जगह नही हैं। इस तरह के बयानबाजी से देश के हालात बिगड़ सकते है।





Conclusion:  देवबंदी मदरसा संचालक मौलाना लतफुर्रह्मान सादिक कासमी ने कहा जय श्री राम मुस्लिम को नही बोलना चाहिए। इस्लाम हमे इस बात की इजाज़त नही देता। अगर किसी कोई मुस्लिम यह बोलता है तो वो इस्लामिक दृष्टि से सही नही है। पर इस्लाम मे इसके लिये कोई जगह नही हैं। इस तरह के बयानबाजी से देश के हालात बिगड़ सकते है।

बलवीर सैनी
देवबन्द, सहारनपुर
मोबाइल 9319488130


Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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