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शामली: यमुना के बढ़ते जलस्तर में आई कमी, फसलों को भारी नुकसान

यूपी के शामली जिले में यमुना की उफनती लहरों के शांत पड़ने से फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है. हथिनिकुंड बैराज से डिस्चार्ज किए गए पानी की मात्रा भी कम हो गई है. जिससे यमुना सामान्य दिखाई देने लगी है. लेकिन यमुना के रौद्र रूप की वजह से क्षेत्र के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों की कई फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है.

भारी भरने से बर्बाद फसलें.
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Published : Aug 24, 2019, 10:45 AM IST

शामली: हथिनिकुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते पिछले करीब एक सप्ताह से यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखाती नजर आ रही थी. यमुना की उफनती लहरों की वजह से शामली जनपद के खादर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई थी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ की आशंका के चलते जनपद में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन फिलहाल यमुना नदी का रौद्र रूप अब शांत होता नजर आ रहा है.

यमुना के बढ़ते जलस्तर में आई कमी.
इसे भी पढ़ेः- यमुना के सैलाब पर सेल्फी, भुट्टा और कचौड़ी संग बाढ़ में रोमांच तलाशते लोग

फसलें बबार्द, पानी से भरे पड़े खेत-

  • हथिनीकुंड बैराज से लगातार डिस्चार्ज किए गए पानी की मात्रा कम होने के बाद यमुना नदी चेतावनी बिंदु 231 से करीब एक मीटर नीचे बह रही हैं.
  • शामली जनपद में यमुना की मुख्य धारा से लेकर तटबंध तक पानी पहुंच गया था.
  • बाढ़ की वजह से किसानों की हजारों बीघे की फसलें भी पानी में डूब गई थीं.
  • प्रशासन ने तटवर्ती गांवों में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर मुनादी तक करा दी थी.
  • वहीं लोगों से यमुना की ओर नहीं जाने की अपील की गई थी.
  • किसानों की मिर्ची, धान, गोभी, चेरी आदि की फसलें खराब हो गई हैं.
  • यमुना का जलस्तर तो कम हुआ, लेकिन किसानों की चिंताओं में इजाफा हुआ है.
  • खेतों में भरा पानी कैसे निकले यह परेशानी का कारण बना हुआ है.

यमुना नदी में पानी अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है. मिट्टी की कटान होने की संभावनाओं पर ड्रेनेज विभाग नजर बनाए हुए है. बाढ़ की वजह से जहां-जहां किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वहां सर्वे कराया जा रहा है. अभी खेतों से पानी उतरने का इंतजार किया जा रहा है.
-अमित पाल शर्मा, एसडीएम कैराना

शामली: हथिनिकुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते पिछले करीब एक सप्ताह से यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखाती नजर आ रही थी. यमुना की उफनती लहरों की वजह से शामली जनपद के खादर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई थी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ की आशंका के चलते जनपद में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन फिलहाल यमुना नदी का रौद्र रूप अब शांत होता नजर आ रहा है.

यमुना के बढ़ते जलस्तर में आई कमी.
इसे भी पढ़ेः- यमुना के सैलाब पर सेल्फी, भुट्टा और कचौड़ी संग बाढ़ में रोमांच तलाशते लोग

फसलें बबार्द, पानी से भरे पड़े खेत-

  • हथिनीकुंड बैराज से लगातार डिस्चार्ज किए गए पानी की मात्रा कम होने के बाद यमुना नदी चेतावनी बिंदु 231 से करीब एक मीटर नीचे बह रही हैं.
  • शामली जनपद में यमुना की मुख्य धारा से लेकर तटबंध तक पानी पहुंच गया था.
  • बाढ़ की वजह से किसानों की हजारों बीघे की फसलें भी पानी में डूब गई थीं.
  • प्रशासन ने तटवर्ती गांवों में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर मुनादी तक करा दी थी.
  • वहीं लोगों से यमुना की ओर नहीं जाने की अपील की गई थी.
  • किसानों की मिर्ची, धान, गोभी, चेरी आदि की फसलें खराब हो गई हैं.
  • यमुना का जलस्तर तो कम हुआ, लेकिन किसानों की चिंताओं में इजाफा हुआ है.
  • खेतों में भरा पानी कैसे निकले यह परेशानी का कारण बना हुआ है.

यमुना नदी में पानी अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है. मिट्टी की कटान होने की संभावनाओं पर ड्रेनेज विभाग नजर बनाए हुए है. बाढ़ की वजह से जहां-जहां किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वहां सर्वे कराया जा रहा है. अभी खेतों से पानी उतरने का इंतजार किया जा रहा है.
-अमित पाल शर्मा, एसडीएम कैराना

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यूपी के शामली में यमुना की उफनती लहरों के शांत पड़ने से फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है. हथिनिकुंड बैराज से डिस्चार्ज किए गए पानी की मात्रा भी कम हो गई है, जिससे यमुना सामान्य दिखाई देने लगी है, लेकिन यमुना के रौद्र रूप की वजह से क्षेत्र के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों की कई फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. लाचार किसान अब बेबसी के आंसू बहाते नजर आ रहे हैं. Body:
शामली: हथिनिकुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते पिछले करीब एक सप्ताह से यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखाती नजर आ रही थी. यमुना की उफनती लहरों की वजह से शामली जनपद के खादर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई थी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ था. बाढ़ की आशंका के चलते जनपद में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन फिलहाल यमुना नदी का रौद्र रूब अब शांत होता नजर आ रहा है, इससे बाढ़ का खतरा भी टल गया है.

चेतावनी बिंदु से नीचे बह रही यमुना
. हथिनीकुंड बैराज से लगातार डिस्चार्ज पानी की मात्रा कम होने के बाद यमुना नदी चेतावनी बिंदु 231 से करीब एक मीटर नीचे बह रही है.

. शामली जनपद में यमुना की मुख्य धारा से लेकर तटबंध तक पानी पहुंच गया था, इसमें किसानों की हजारों बीघा फसलें भी समां गई थी.

. प्रशासन ने तटवर्ती गांवों में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर मुनादी तक करा दी थी. लोगों से यमुना की ओर नहीं जाने की अपील की गई थी.

फसलें बबार्द, पानी से भरे खड़े खेत
भले ही यमुना नदी अब सामान्य हो गई हो, लेकिन यमुना की उफनती लहरों से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. शामली जनपद में अभी भी किसानों के खेत यमुना के पानी से भरे खड़े हैं. किसानों की मिर्ची, धान, गोभी, चेरी आदि की फसलें खराब हो गई है, फसलों में भरा पानी भी सड़ गया है. जलस्तर तो कम हुआ है, लेकिन खेतों से पानी कैसे निकाला जाए, यह चिंता भी किसानों को सता रही है.Conclusion:
इन्होंने कहा—
यमुना नदी में पानी अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है. अब मिट्टी का कटान होने की संभावनाओं के चलते ड्रेनेज विभाग नजर बनाए हुए हैं. यमुना की वजह से जहां—जहां किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वहां सर्वे कराया जा रहा है. नुकसान के आंकलन के लिए अभी खेतों से पानी उतरने का इंतजार किया जा रहा है.
— अमित पाल शर्मा, एसडीएम कैराना

बाइट: अमित पाल शर्मा, एसडीएम कैराना

Reporter: sachin sharmA
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