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शामली: अब गुड़ के कोल्हू पर जल रही पराली, हवा में घुल रहा जहर - straw burning on jaggery crusher

यूपी के शामली में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती के बाद अब गुड़ की भट्टियों पर धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. पराली जलने से आबोहवा में जहर भी घुल रहा है. इस संबंध में डीएम ने कार्रवाई करने की बात कही है.

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गुड़ के कोल्हू पर जलाई जा रही पराली.
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Published : Nov 28, 2019, 4:12 AM IST

शामली: जिला प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ईंट-भट्ठों की कई फैक्ट्रियों पर रोक लगा दी, लेकिन गुड़ के कोल्हू प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यहां ईंधन के रूप में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.

गुड़ के कोल्हू पर जलाई जा रही पराली.
क्या है पूरा मामला
  • जिले में गुड के कोल्हुओं पर ईंधन के रूप में पराली का इस्तेमाल हो रहा है.
  • गुड़ की भट्टियों पर प्रतिबंधित पराली जलाई जा रही है, जिसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
  • दिन-रात गुड़ की भट्टियों पर पराली जलाने के बाद प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है.
  • प्रतिबंध होने के बाद बावजूद भी लोग गुड़ बनाने के लिए पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- शामली: पुलिस ने सड़क सुरक्षा के लिए जनता से मांगे सुझाव

किसानों को पराली जलाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए जागरूक किया गया है. नियम संगत वैधानिक कार्रवाई भी लगातार जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. जिले में ऐसे पराली जलाने के 39 मामले सामने आए थे, जिनमें जुर्माना वसूली और एफआईआर की कार्रवाई भी की गई है. अगर पराली जलाने की अन्य घटनाएं सामने आएंगी तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
-अखिलेश कुमार, डीएम

शामली: जिला प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ईंट-भट्ठों की कई फैक्ट्रियों पर रोक लगा दी, लेकिन गुड़ के कोल्हू प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यहां ईंधन के रूप में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.

गुड़ के कोल्हू पर जलाई जा रही पराली.
क्या है पूरा मामला
  • जिले में गुड के कोल्हुओं पर ईंधन के रूप में पराली का इस्तेमाल हो रहा है.
  • गुड़ की भट्टियों पर प्रतिबंधित पराली जलाई जा रही है, जिसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
  • दिन-रात गुड़ की भट्टियों पर पराली जलाने के बाद प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है.
  • प्रतिबंध होने के बाद बावजूद भी लोग गुड़ बनाने के लिए पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- शामली: पुलिस ने सड़क सुरक्षा के लिए जनता से मांगे सुझाव

किसानों को पराली जलाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए जागरूक किया गया है. नियम संगत वैधानिक कार्रवाई भी लगातार जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. जिले में ऐसे पराली जलाने के 39 मामले सामने आए थे, जिनमें जुर्माना वसूली और एफआईआर की कार्रवाई भी की गई है. अगर पराली जलाने की अन्य घटनाएं सामने आएंगी तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
-अखिलेश कुमार, डीएम

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यूपी के शामली में खेतों पर पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती के बाद अब गुड की भट्टियों पर धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. इससे आबोहवा में जहर घुल रहा है.Body:
शामली: जिला प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई फैक्ट्रियों पर बड़ी कार्रवाई कर ईंट भट्ठों पर रोक लगा दी, लेकिन गुड के कोल्हू प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यहां ईंधन के रूप में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है, लेकिन प्रशासन इससे अंजान बना हुआ है.

क्या है पूरा मामला?
. जिले में गुड के कोल्हूओं पर ईंधन के रूप में पराली का इस्तेमाल हो रहा है.

. गुड़ की भट्टियों पर बेरोकटोक प्रतिबंधित पराली जलाई जा रही है, जिसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है.

. दिन—रात गुड की भट्टियों पर पराली जलाने के बाद प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है.

. प्रतिबंध होने के बाद बावजूद भी लोग गुड बनाने के लिए पराली का ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
Conclusion:इन्होंने कहा—
किसानों को पराली जलाने के संबंध में आवश्यक दिशा—निर्देश जारी करते हुए जागरूक किया गया है. नियमसंगत, वैधानिक कार्रवाई भी लगातार जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. जिले में ऐसे 39 मामले सामने आए थे, जिनमें जुर्माना वसूली और एफआईआर की कार्रवाई भी की गई है. अगर पराली जलाने की अन्य घटनाएं भी सामने आएगी, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
— अखिलेश कुमार, डीएम शामली

बाइट: अखिलेश कुमार, डीएम शामली

नोट: खबर रैप से भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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