शामलीः अपराध के साम्राज्य में कदम रखने के बाद अपराधी खुद को जुर्म की दुनिया का सिरमौर समझ बैठते हैं. ऐसे में वें दूसरों की संवेदनाओं को किनारे लगाकर जघन्य अपराधों को भी अंजाम दे डालते हैं. क्राइम की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की होड़ रखने वाले अपराधियों के लिए लोगों की जिंदगी भी मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही कुख्यात अपराधी मुकीम काला ने भी किया. कैराना पलायन के जिम्मेदार इस अपराधी का अब जिंदगी से पलायन हो गया है, लेकिन मुकीम की मौत उसके द्वारा सताए गए परिवारों के लिए किसी मरहम से कम नहीं है.
2015 में चढ़ा था एसटीएफ के हत्थे
कैराना में मुकीम गैंग ने दो ममेरे-फुफेरे भाइयों शिव कुमार उर्फ शंकर व राजेंद्र कुमार उर्फ राजू की रंगदारी नहीं देने पर दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विरोध में करीब एक सप्ताह तक कैराना का बाजार भी बंद रहा था. इस बीच व्यापारियों ने धरना देकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की थी. सुरक्षा और गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद ही कैराना का बाजार खुला था. बाद में मुकीम काला पर इनाम की घोषणा सवा दो लाख रुपये तक कर दी गई थी. 20 अक्टूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला को शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी सहित गिरफ्तार किया था. उस समय यह भी राजफाश हुआ था कि मुकीम ने गौतमबुद्धनगर के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना से एके-47 खरीदी थी.
टूट चुकी थी पीड़ितों की आस
हत्या, लूट, डकैती सहित पांच दर्जन से अधिक सभी मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन चल रहे थे. इतने जघन्य अपराधों के बाद भी कोर्ट से मुकीम काला को किसी भी मामले में शीघ्र सजा नहीं हो सकी. ऐसे में पीड़ित डर के साये में रहते थे. सुरक्षा भी परिवारों को दी गई थी.
अपराधी के हाथ हुआ कुख्यात का खात्मा
अपराध जगत में कोई सिरमौर नहीं होता. चित्रकूट जेल में अंशुल का दांव लग गया तो उसने मुकीम काला का काम तमाम कर दिया. मुकीम की हत्या करने के बाद अंशुल भी अपनी बादशाहत संभाल नहीं पाया. पुलिस ने मुठभेड़ में अंशुल को ढेर कर दिया.
खंडहर बन चुका है मुकीम का मकान
मुकीम काला कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव जहानपुरा का रहने वाला था. इस गांव में मुकीम का मकान मौजूद है. परिवार पहले यहीं पर रहता था, लेकिन आज मकान पर वीरानी छायी हुई है. दरअसल, मुकीम काला द्वारा ताबड़तोड़ वारदातें अंजाम देने के बाद पुलिस की दबिशों के चलते परिवार यहां से किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहने लगा था. इसी वजह से मुकीम का मकान खंडहर में तब्दील हो चुका है.
मुकीम के भाई समेत कई एनकाउंटर में ढेर
परिवार में मुकीम काला ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी अपराधिक मुकदमे दर्ज बताए जाते हैं. सितंबर 2017 में मेरठ में एसटीएफ ने मुकीम काला के छोटे भाई वसीम को एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया था. इसके अलावा मुकीम काला गैंग की बात करें, तो जनवरी 2018 की रात में पुलिस ने कैराना क्षेत्र के गांव जंधेड़ी निवासी साबिर को उसके गांव में ही मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था. साबिर पुलिस कस्टडी से भागकर फरारी काट रहा था. इसके अलावा फरवरी 2018 में झिंझाना क्षेत्र में पुलिस ने इसी गैंग के अकबर को भी मुठभेड़ में मार गिराया था.
कई गुर्गे जेलों में हैं बंद
मुकीम काला गैंग के कई शातिर बदमाश अभी जेल में बंद हैं. इनमें मुंशाद निवासी खंद्रावली दिल्ली की मंडौली जेल और डॉ. इसरार, निवासी गांव खुरगान कैराना और सादर निवासी गांव तितरो गंगोह सहारनपुर हरियाणा की जेलों में बंद बताए जा रहे हैं. इसी गैंग का शार्प शूटर महताब काना भी जेल में बंद बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मुकीम काला का पिता मुस्तकीम सहारनपुर की जेल में बंद है.