शामली: जिले की खस्ताहाल सड़कों के गड्ढे भरने में लोक निर्माण विभाग के पसीने छूट रहे हैं. लोकनिर्माण विभाग द्वारा 157 सड़कों की मरम्मत के लिए शासन से 238.18 लाख रूपए के बजट की डिमांड की थी. लेकिन शासन द्वारा सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए सिर्फ 75 लाख रूपए का बजट ही जारी किया गया है. कम बजट में लोकनिर्माण विभाग द्वारा शुरू किए गए गड्ढामुक्ति अभियान में भारी अनियमितताएं भी देखने को मिल रही हैं.
गड्ढा भरने में हो रही खानापूर्ति
प्रदेश में कुर्सी पर बैठने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विशेष आदेश जारी किए थे. जिसका शामली जनपद में आज तक सही तरह से पालन नहीं हो पाया है. फिलहाल बारिश के बाद खस्ताहाल सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए जिले के लोकनिर्माण विभाग द्वारा 157 सड़कों के लिए मांगे गए बजट में भी कटौती देखने को मिल रही है. लोकनिर्माण विभाग द्वारा कम बजट में खानापूर्ति के तहत गड्ढों को भरने का कार्य तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन मानकों के अनुरूप सामग्री नहीं लगाए जाने के चलते लोगों को गड्ढों की समस्या से निजात मिलने की कम ही उम्मीद है.
ये सड़कें खड़ी कर रहीं परेशानी
जिले के मेरठ-करनाल मार्ग से शामली-गढ़ीपुख्ता मार्ग को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग, करनाल हाइवे से झाल-सल्फा मार्ग, बनत से चलकर ट्रांजिट हॉस्टल से सहारनपुर मार्ग को जोड़ने वाली सड़क, दिल्ली-शामली मार्ग को बनत में सहारनपुर मार्ग से जोड़ने वाली सड़क, कैराना-खतौली मार्ग, बिडौली-चौसाना और ऊन-चौसाना मार्ग से टोडा गंगारामपुर समेत अन्य कई मार्ग इन दिनों बेहद ही खस्ताहालत में हैं. जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं अफसर..?
जिले में सितंबर के पहले सप्ताह से सड़कों के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया गया है. शासन से जिले की 157 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए दो करोड़ 58 लाख के बजट की डिमांड की गई थी. लेकिन सिर्फ 75 लाख रूपए का बजट ही मिल पाया है. हालांकि विभाग द्वारा जैसे तैसे कई मार्गों पर गड्ढे भरने का कार्य पूरा कर लिया गया है.