शामली: कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने पुलिस पर निर्दोषों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन की घोषणा की है. जिला प्रशासन ने उनके आंदोलन को अवैध घोषित करते हुए कैराना में फोर्स तैनात कर दी है. इसके बावजूद विधायक आंदोलन के लिए भीड़ जुटाने की कोशिशे कर रहे हैं.
सपा नेता ने दिया विवादित बयान. गाड़ी पर खड़े होकर दिया भड़काऊ बयानशनिवार की रात को जिला प्रशासन ने सपा विधायक के जेल भरो आंदोलन को अवैध करार दे दिया था. इसके बावजूद रविवार को विधायक आंदोलन के लिए दिनभर जनता का समर्थन जुटाने में लगे रहे. उन्होंने कैराना क्षेत्र में कई स्थानों पर लोगों को संबोधित किया. कैराना में अपने आवास से कुछ दूरी पर विधायक के गाड़ी पर खड़े होकर संबोधित करने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में विधायक भड़काऊ बयान देते हुए जनता से समर्थन की मांग कर रहे हैं.
जनता से ये कह गए विधायक
वायरल वीडियो में विधायक नाहिद हसन गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर फिल्मी अंदाज में लोगों को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, 'मैं आप लोगों की लड़ाई के लिए कोतवाली गया था. मुझे अब आप लोगों की जरूरत है. एक—एक आदमी को बाहर निकलना है. इनकी तानाशाही तभी खत्म होगी. यदि इस बार सब साथ आए, तो जिंदगी में कोई छेड़ेगा नहीं..ऐसा नहीं किया तो रोजाना ये ही काम होने वाला है. औरतों को दो—दो दिन थाने पर बैठाया जा रहा है. पिटने के बाद पीड़ित शिकायत लेकर पहुंचा, तो उसे भी थाने पर बैठाते हुए जेल में सड़ाया जा रहा है. नाजायज को जेल भेजना सही है, लेकिन शिकायत लेकर थाने जाने वालों को परेशान करना...मां—बहनों को जेल में बैठाने, पीटने और करंट लगाने की घटना हो रही हैं. विधायक ने पुलिस के खिलाफ विवादित और भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि यदि पुलिस की यही मनमानी जारी रही, तो रात को शराब के नशे में हमारे घरों में घुसकर महिलाओं से दुर्व्यवहार भी होगा.
यह है पूरा मामला
29 अक्टूबर को कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन दोपहर के समय समर्थकों के साथ कैराना कोतवाली पहुंचे थे. यहां पर विधायक निर्दोष जनता का उत्पीड़न करने का दावा करते हुए थाने के स्टाफ से उलझ गए. इसके बाद विधायक ने अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर 02 नवंबर को जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी. थाने में पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने के मामले में पुलिस ने विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत आदि आरोपों में केस दर्ज कर लिया था.
प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
विधायक ने 31 अक्बटूर को जेल भरो आंदोलन के तहत 50 हजार समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर गिरफ्तारी देने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी थी. जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार करते हुए विधायक के आंदोलन को अवैध करार दिया था. इसके बावजूद विधायक आंदोलन के लिए जनसमर्थन जुटा रहे हैं. इसके चलते कैराना में शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका हैं.