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सावधान: पशुओं को न खिलाएं धान की पराली, जा सकती है जान

उत्तर प्रदेश के शामली में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किसानों और पशुपालकों के लिए गाइड लाइन जारी करते हुए पशुओं को पराली खिलाने से मना किया है. डॉक्टरों के मुताबिक धान की पराली खाने से पशुओं की मौत भी हो सकती है.

धान की पराली पशुओं के लिए जानलेवा हो सकता है.
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Published : Nov 2, 2019, 10:29 AM IST

शामली: जिले के पशु चिकित्सा विभाग ने सभी पशुपालकों और किसानों के लिए प्रशासनिक तौर पर गाइडलाइन जारी कराई है. इस गाइड लाइन में किसानों से पशुओं को पराली न खिलाने की अपील की गई है. चिकित्सकों का कहना है कि धान की पराली खाने से पशुओं की मौत भी हो सकती है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी.


पराली क्यों होती है जहरीली

  • पशु चिकित्सकों के मुताबिक धान की पराली में जहरीली फंगस हो सकती है.
  • जहरीली फंगस वाली पराली के सेवन से पशुओं की मौत भी हो सकती है.
  • डॉक्टरों का कहना है कि विषाक्त पराली खाने से पशु उत्तेजित होते हैं.
  • उत्तेजना बढ़ने के साथ ही उसे अफारा आना शुरू हो जाता है.
  • मुंह से अधिक लार और आंखों से पानी भी आने लगता है.

ये भी पढ़ें- शामली: रात में फुट पैट्रोलिंग पर निकले डीएम और एसपी, ये थी वजह


इस वजह से होती है पशुओं की मौत

  • पराली में ओक्जेलेटस की मात्रा ज्यादा होने के कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है.
  • पराली में नगण्य पोषक तत्व होने के कारण पशु कमजोर हो जाता है और उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है.
  • अधिकतर किसान धान की फसल में इन्सेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड का इस्तेमाल फसल में कीट-पतंगे व चूहे आदि मारने के लिए करते हैं.
  • इन दवाइयों में आर्गेनोफोस्फारस कम्पाउन्ड होता है.
  • आर्गेनोफोस्फोरस कम्पाउन्ड ही कीट-पतंगे व चूहों आदि को मारता है.
  • इन दवाइयों का अवशेष यदि पराली में है, तो उसे खाने से पशुओं की आकस्मिक मौत भी हो सकती है.

शामली: जिले के पशु चिकित्सा विभाग ने सभी पशुपालकों और किसानों के लिए प्रशासनिक तौर पर गाइडलाइन जारी कराई है. इस गाइड लाइन में किसानों से पशुओं को पराली न खिलाने की अपील की गई है. चिकित्सकों का कहना है कि धान की पराली खाने से पशुओं की मौत भी हो सकती है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी.


पराली क्यों होती है जहरीली

  • पशु चिकित्सकों के मुताबिक धान की पराली में जहरीली फंगस हो सकती है.
  • जहरीली फंगस वाली पराली के सेवन से पशुओं की मौत भी हो सकती है.
  • डॉक्टरों का कहना है कि विषाक्त पराली खाने से पशु उत्तेजित होते हैं.
  • उत्तेजना बढ़ने के साथ ही उसे अफारा आना शुरू हो जाता है.
  • मुंह से अधिक लार और आंखों से पानी भी आने लगता है.

ये भी पढ़ें- शामली: रात में फुट पैट्रोलिंग पर निकले डीएम और एसपी, ये थी वजह


इस वजह से होती है पशुओं की मौत

  • पराली में ओक्जेलेटस की मात्रा ज्यादा होने के कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है.
  • पराली में नगण्य पोषक तत्व होने के कारण पशु कमजोर हो जाता है और उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है.
  • अधिकतर किसान धान की फसल में इन्सेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड का इस्तेमाल फसल में कीट-पतंगे व चूहे आदि मारने के लिए करते हैं.
  • इन दवाइयों में आर्गेनोफोस्फारस कम्पाउन्ड होता है.
  • आर्गेनोफोस्फोरस कम्पाउन्ड ही कीट-पतंगे व चूहों आदि को मारता है.
  • इन दवाइयों का अवशेष यदि पराली में है, तो उसे खाने से पशुओं की आकस्मिक मौत भी हो सकती है.
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उत्तर प्रदेश के शामली में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किसानों और पशु पालकों के लिए गाइड लाइन जारी करते हुए पशुओं को पुराली खिलाने से मना किया है। डाक्टरों के अनुसार धान की पुराली खाने से पशुओं की मौत भी हो सकती है। Body:शामली: जिले के पशु चिकित्सा विभाग ने सभी पशुपालकों और किसानों के लिए प्रशासनिक तौर पर गाइडलाइन जारी कराई है. इस गाइड लाइन में किसानों से पशुओं को पराली न खिलाने की अपील की गई है. चिकित्सकों का कहना है कि धान की पराली खाने से पशुओं की मौत भी हो सकती है.

पराली क्यों होती है जहरीली ?
. पशु चिकित्सकों के अनुसार धान की पराली में जहरीली फंगस हो सकती है.

. जहरीली फंगस वाली पराली के सेवन से पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है.

. डाक्टरों का कहना है कि विषाक्त पराली खाने से पशु उत्तेजित होता है.

. उत्तेजना बढ़ने के साथ ही उसे अफारा आना शुरू हो जाता है.

. मुंह से अधिक लार और आंखों से पानी भी आने लगता है. Conclusion:
इस वजह से होती है पशुओं की मौत
पराली में ओक्जेलेटस की मात्रा ज्यादा होने के कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है. पराली में नगण्य पोषक तत्व होने के कारण पशु कमजोर हो जाता है एवं उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है. अधिकतर कृषक धान की फसल में इन्सेक्टिसाइड़ एवं पेस्टीसाइड़ का उपयोग फसल में कीट पतंगे एवं चूहे आदि मारने हेतु करते है. इन दवाईयों में आर्गेनोफोस्फारस कम्पाउन्ड होता है. आर्गेनोफोस्फोरस कम्पाउन्ड ही कीट पतंगे एवं चूहों आदि को मारता है. इन दवाईयों का अवशेष यदि पराली में होगा और उसे खाने से पशुओं की आकस्मिक मृत्यु हो सकती है.
— डा. राजेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, शामली

बाइट: डा. राजेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, शामली

नोट: खबर रैप से भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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