शामली: गाजियाबाद में डीएम के दफ्तर में चपरासी की नौकरी बेटे को दिलवाने के चक्कर में दरोगाजी ठग के चंगुल में फंस गए. दरअसल. एक शख्स ने यह झांसा देकर दरोगाजी से 1.30 लाख रुपए घूस के रूप में ले लिए. बाद में न तो दारोगा जी के बेटे को नौकरी मिली और न ही पैसा वापस हुआ. ठगी का पता चलने पर एसपी शामली से उन्होंने शिकायत की. शहर कोतवाली में यह मामला दर्ज करा दिया गया है.
पुलिस लाइन शामली में तैनात उपनिरीक्षक विनोद कुमार का आरोप है कि नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात लखनऊ निवासी अशोक कुमार यादव से हुई थी. कुछ समय पहले अशोक कुमार ने उन्हें फोन कर जिलाधिकारी गाजियाबाद के कार्यालय में चपरासी के कुछ पद खाली होने की जानकारी दी थी. आरोप है कि अशोक कुमार ने दरोगा के बेटे को डीएम कार्यालय में चपरासी पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर 1.30 लाख रुपए लिए थे, लेकिन बाद में उसने रिक्त पद निरस्त होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. दरोगा का आरोप है कि इसके बाद से अब तक धोखाधड़ी के आरोपी द्वारा उनकी रकम वापस नही लौटाई गई है. इस मामले में दरोगा विनोद कुमार ने एसपी शामली सुकीर्ति माधव को शिकायती पत्र देकर आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी.
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एसपी शामली सुकीर्ति माधव से शिकायत के बाद दारोगा के साथ हुए धोखाधड़ी के इस मामले में शामली कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस की ओर से आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत कानपुर रोड, लखनऊ निवासी अशोक कुमार यादव को नामजद करते हुए केस दर्ज किया गया है. शनिवार को कोतवाली प्रभारी शामली ने बताया कि मुकदमे की जांच अवर निरीक्षक अनिल कुमार को सौंपी गई है. आपको बता दें कि रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है. ऐसे में धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद रिश्वत देने वालों पर कानूनी दांव पेंच कम ही लागू होते नजर आते हैं.