ETV Bharat / state

शामली: इस बार दंगे नहीं, झील कर रही पलायन को मजबूर

यूपी के शामली जिले के किसान मामौर झील के प्रकोप से काफी परेशान हैं. कैराना कस्बे की आबादी का गंदा पानी इस झील में डाला जाता है, जिसके चलते झील ओवरफ्लो होकर बहने लगती है और इससे किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है.

दंगे नहीं झील कर रही पलायन को मजबूर.
दंगे नहीं झील कर रही पलायन को मजबूर.
author img

By

Published : Mar 13, 2020, 11:21 AM IST

शामली: कैराना क्षेत्र के किसान मामौर झील के प्रकोप के चलते परेशानियों से घिरे हुए हैं. प्रदूषण के मानकों को ठेंगा दिखाकर पूरे कैराना कस्बे की आबादी का गंदा पानी इस झील में जमा किया जाता है, इसके चलते यह झील ओवरफ्लो होकर बहने लगती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. अभी हाल ही में बारिश के चलते ऊंचा गांव के किसानों की एक हजार बीघा खड़ी फसल बर्बाद हो गई.

दंगे नहीं झील कर रही पलायन को मजबूर.

झील के प्रकोप का यह सिलसिला पिछले करीब 20 सालों से लगातार जारी है. इसके विरोध में किसानों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया है, लेकिन प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी. पिछले कई दिनों से रुक रुक कर हो रही लगातार बारिश के चलते एक बार फिर ऊंचा गांव के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.

आबादी का गंदा पानी इकट्ठा होने के चलते झील के जरिए भूजल भी प्रदूषित हो रहा है, इससे क्षेत्र के लोगों में कैंसर और काला पीलिया जैसी घातक बीमारियां भी हो रही हैं. वहीं सरकार नदियों और झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष अभियान चला रही है, लेकिन मामौर झील के प्रदूषण से राहत नहीं मिल पाई है.

इसे भी पढ़ें- सपना चौधरी के गाने पर शामली के एसपी का डांस हुआ वायरल

हर साल सीजन में फसल खराब होती है, लेकिन किसान किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं देती है. कई बार सरकार को परेशानियां बताई गई हैं, लेकिन इसका कोई इलाज नहीं मिल पा रहा है.
ओमपाल सिंह, किसान

शामली: कैराना क्षेत्र के किसान मामौर झील के प्रकोप के चलते परेशानियों से घिरे हुए हैं. प्रदूषण के मानकों को ठेंगा दिखाकर पूरे कैराना कस्बे की आबादी का गंदा पानी इस झील में जमा किया जाता है, इसके चलते यह झील ओवरफ्लो होकर बहने लगती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. अभी हाल ही में बारिश के चलते ऊंचा गांव के किसानों की एक हजार बीघा खड़ी फसल बर्बाद हो गई.

दंगे नहीं झील कर रही पलायन को मजबूर.

झील के प्रकोप का यह सिलसिला पिछले करीब 20 सालों से लगातार जारी है. इसके विरोध में किसानों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया है, लेकिन प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी. पिछले कई दिनों से रुक रुक कर हो रही लगातार बारिश के चलते एक बार फिर ऊंचा गांव के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.

आबादी का गंदा पानी इकट्ठा होने के चलते झील के जरिए भूजल भी प्रदूषित हो रहा है, इससे क्षेत्र के लोगों में कैंसर और काला पीलिया जैसी घातक बीमारियां भी हो रही हैं. वहीं सरकार नदियों और झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष अभियान चला रही है, लेकिन मामौर झील के प्रदूषण से राहत नहीं मिल पाई है.

इसे भी पढ़ें- सपना चौधरी के गाने पर शामली के एसपी का डांस हुआ वायरल

हर साल सीजन में फसल खराब होती है, लेकिन किसान किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं देती है. कई बार सरकार को परेशानियां बताई गई हैं, लेकिन इसका कोई इलाज नहीं मिल पा रहा है.
ओमपाल सिंह, किसान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.