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शामली: कोरोना संदिग्ध की आइसोलेशन वार्ड में मौत, अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

शामली में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संदिग्ध की हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. डॉक्टर्स पर आरोप है कि उन्होंने मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने के बावजूद भी उपचार नहीं दिया. मरीज को भूखा-प्यासा आइसोलेशन वार्ड में डालकर बाहर से ताला लगा दिया. मरीज ने मौत से पहले वीडियो कॉल कर परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी.

shamli
मामले की जांच करने पहुंची पुलिस.
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Published : Jun 22, 2020, 7:40 PM IST

शामली: स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही के चलते जिले के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोराना संदिग्ध पेशेंट की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सांस लेने में तकलीफ के बावजूद डॉक्टर्स मरीज को वार्ड में डालकर बाहर से ताला लगा दिए. भूखे-प्यासे मरीज ने परिजनों को वीडियो कॉल कर पूरे मामले की जानकारी दी. मरीज अस्पताल में पहुंचे, तब भी डॉक्टर सब कुछ ठीक होने का दावा करते हुए परिजनों को ही धमकाते नजर आए.

डॉक्टर्स की लापरवाही से कोरोना संदिग्ध की मौत.

जानें, पूरा मामला
कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही से जुड़ा यह मामला शामली सीएचसी का है. रविवार की रात को गांव बुटराडा निवासी को कोरोना लक्षणों की वजह से सीएचसी शामली के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था. अधिकारियों के मुताबिक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर उसे आइसोलेशन में रखा गया था. वहीं परिजनों का आरोप है कि सांस लेने में तकलीफ के बावजूद भी डॉक्टर्स ने मरीज को फौरन ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सकीय सेवाएं देने के बजाय अलग वार्ड में डाल दिया. इसके बाद वार्ड का दरवाजा बाहर से बंद करते हुए डॉक्टर मरीज की कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में बैठ गए.

नहीं मिला खाना-पानी
मृतक की पत्नी ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती उसके पति ने फोन पर वीडियो कॉल कर अस्पताल की लापरवाही के बारे में उन्हें बताया. पति ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करते हुए डॉक्टर्स पर उपचार और खाना-पानी तक नहीं देने के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं मरीज के कमरे पर बाहर से ताला तक लगा दिया गया. परिजनों के मुताबिक जब उन्होंने अस्पताल पहुंचकर मरीज के उपचार की पैरवी की तो वहां मौजूद डॉक्टर्स ने उन्हें भी धमकाने से गुरेज नहीं किया.

डॉक्टर बोले मरीज डरा हुआ है
कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद अस्पताल में विलाप कर रहे परिजनों ने बताया कि उन्होंने हालत बिगड़ने पर डॉक्टर्स से उपचार की गुजारिश की थी, लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मरीज की देखभाल का जिम्मा एक दूसरे पर थोपते नजर आए. इतना ही नहीं, जब उन्होंने मरीज को फौरन उपचार दिए जाने या हायर सेंटर में रेफर करने की पैरवी की तो मौके पर मौजूद डॉक्टर्स ने कहा कि मरीज को कुछ नहीं होगा, वह सिर्फ डरा हुआ है.

मौत के बाद एंबुलेंस में कैद कर दिया शव
मृतक के परिजनों का आरोप है कि मरीज के दम तोड़ने पर उसे अस्पताल से रेफर कर दिया गया. हायर सेंटर में ले जाने पर वहां के डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद वे शव लेकर वापस सीएचसी शामली आ गए. यहां पर भी सरकारी स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही नहीं रुकी. डॉक्टर देर शाम तक मरीज के शव को खुली एंबुलेंस में कैद कर कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने का इंतजार करते नजर आए.

पहले भी हो चुकी है आइसोलेशन वार्ड में मौत
जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से कोरोना संदिग्ध की मौत का यह दूसरा मामला है. इससे पहले नवनिर्मित जिला अस्पताल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य महकमे के ऐसे ही हालात की वजह से एक मरीज ने फांसी लगा ली थी. फिलहाल, अभी इस मामले में भी स्वास्थ्य महकमा और जिले के आलाधिकारी किसी की भी जवाबदेही तय नहीं कर पाए हैं.

शामली के आईसोलेशन वार्ड में एक मरीज की मौत की सूचना प्राप्त हुई है. यह लगभग 33 साल की उम्र का व्यक्ति था, जो कल अस्पताल में एडमिट हुआ था. मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा था. कोरोना सैंपल भी लिया गया था, जो फिलहाल वेटिंग पर है. हालत बिगड़ने की वजह से मरीज की मौत की जानकारी मिली है. इस पूरे मामले में यदि लापरवाही की शिकायतें मिलती हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी. कोरोना रिपोर्ट में यदि मरीज पॉजिटिव आता है तो प्रोटोकॉल फॉलो किया जाएगा.
जसजीत कौर, डीएम शामली

शामली: स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही के चलते जिले के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोराना संदिग्ध पेशेंट की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सांस लेने में तकलीफ के बावजूद डॉक्टर्स मरीज को वार्ड में डालकर बाहर से ताला लगा दिए. भूखे-प्यासे मरीज ने परिजनों को वीडियो कॉल कर पूरे मामले की जानकारी दी. मरीज अस्पताल में पहुंचे, तब भी डॉक्टर सब कुछ ठीक होने का दावा करते हुए परिजनों को ही धमकाते नजर आए.

डॉक्टर्स की लापरवाही से कोरोना संदिग्ध की मौत.

जानें, पूरा मामला
कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही से जुड़ा यह मामला शामली सीएचसी का है. रविवार की रात को गांव बुटराडा निवासी को कोरोना लक्षणों की वजह से सीएचसी शामली के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था. अधिकारियों के मुताबिक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर उसे आइसोलेशन में रखा गया था. वहीं परिजनों का आरोप है कि सांस लेने में तकलीफ के बावजूद भी डॉक्टर्स ने मरीज को फौरन ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सकीय सेवाएं देने के बजाय अलग वार्ड में डाल दिया. इसके बाद वार्ड का दरवाजा बाहर से बंद करते हुए डॉक्टर मरीज की कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में बैठ गए.

नहीं मिला खाना-पानी
मृतक की पत्नी ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती उसके पति ने फोन पर वीडियो कॉल कर अस्पताल की लापरवाही के बारे में उन्हें बताया. पति ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करते हुए डॉक्टर्स पर उपचार और खाना-पानी तक नहीं देने के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं मरीज के कमरे पर बाहर से ताला तक लगा दिया गया. परिजनों के मुताबिक जब उन्होंने अस्पताल पहुंचकर मरीज के उपचार की पैरवी की तो वहां मौजूद डॉक्टर्स ने उन्हें भी धमकाने से गुरेज नहीं किया.

डॉक्टर बोले मरीज डरा हुआ है
कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद अस्पताल में विलाप कर रहे परिजनों ने बताया कि उन्होंने हालत बिगड़ने पर डॉक्टर्स से उपचार की गुजारिश की थी, लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मरीज की देखभाल का जिम्मा एक दूसरे पर थोपते नजर आए. इतना ही नहीं, जब उन्होंने मरीज को फौरन उपचार दिए जाने या हायर सेंटर में रेफर करने की पैरवी की तो मौके पर मौजूद डॉक्टर्स ने कहा कि मरीज को कुछ नहीं होगा, वह सिर्फ डरा हुआ है.

मौत के बाद एंबुलेंस में कैद कर दिया शव
मृतक के परिजनों का आरोप है कि मरीज के दम तोड़ने पर उसे अस्पताल से रेफर कर दिया गया. हायर सेंटर में ले जाने पर वहां के डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद वे शव लेकर वापस सीएचसी शामली आ गए. यहां पर भी सरकारी स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही नहीं रुकी. डॉक्टर देर शाम तक मरीज के शव को खुली एंबुलेंस में कैद कर कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने का इंतजार करते नजर आए.

पहले भी हो चुकी है आइसोलेशन वार्ड में मौत
जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से कोरोना संदिग्ध की मौत का यह दूसरा मामला है. इससे पहले नवनिर्मित जिला अस्पताल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य महकमे के ऐसे ही हालात की वजह से एक मरीज ने फांसी लगा ली थी. फिलहाल, अभी इस मामले में भी स्वास्थ्य महकमा और जिले के आलाधिकारी किसी की भी जवाबदेही तय नहीं कर पाए हैं.

शामली के आईसोलेशन वार्ड में एक मरीज की मौत की सूचना प्राप्त हुई है. यह लगभग 33 साल की उम्र का व्यक्ति था, जो कल अस्पताल में एडमिट हुआ था. मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा था. कोरोना सैंपल भी लिया गया था, जो फिलहाल वेटिंग पर है. हालत बिगड़ने की वजह से मरीज की मौत की जानकारी मिली है. इस पूरे मामले में यदि लापरवाही की शिकायतें मिलती हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी. कोरोना रिपोर्ट में यदि मरीज पॉजिटिव आता है तो प्रोटोकॉल फॉलो किया जाएगा.
जसजीत कौर, डीएम शामली

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