शामली: देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने इस साल कुछ फतवे जारी किए थे. मई माह में जारी फतवे में इस्लाम में बिना जरूरत सीसीटीवी कैमरा लगाना नाजायज और गैर-इस्लामिक बताया गया था. इसके बाद जून में जारी एक फतवे में धार्मिक स्थल की वीडियो बनाने को नाजायज ठहराया गया था.
अब शामली जनपद में खुद मदरसा संचालक हिफाजत का हवाला देकर सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं, ताकि मदरसों में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके.
आखिर क्यों लगा रहे सीसीटीवी-
- हाल ही में बिजनौर और शामली जनपद के मदरसों में संदिग्ध गतिविधियां देखने को मिली हैं.
- बिजनौर के मदरसे से हथियार बरामद हुए, जबकि शामली के मदरसों से विदेशी घुसपैठिये मिले हैं.
- शामली के मदरसे में रोहिंग्या जाति का विदेशी घुसपैठिया बतौर शिक्षक बच्चों को तालीम देता पकड़ा गया.
- मामले में पुलिस ने मदरसा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की.
यहां लगाए गए सीसीटीवी-
- शामली जनपद के कैराना में मदरसा अरबिया इशाअतुल इस्लाम में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं.
- मदरसे के गेट पर बाकायदा सीसीटीवी कैमरों से संबंधित चेतावनी का पोस्टर भी चस्पा कराया गया है.
- मदरसा संचालक का कहना है कि उन्होंने हिफाजत के लिए मदरसे में सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं.
परिवार की हिफाजत और आने-जाने वालों पर नजर रखने के लिए मदरसे पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं. हमारा मदरसा अरबिया इशा अतुल इस्लाम 50 सालों से संचालित है. इसमें करीब 300 बच्चे पढ़ रहे हैं. धर्मस्थल पर कैमरे लगवाने की मनाही करना सही नहीं है, यह हिफाजत के लिए बेहतर है.
- मौलाना बरकतुल्लाह अमीनी, मदरसा संचालक