शामली: जनपद में एक दिन पूर्व सहारनपुर और मेरठ एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत बाबू को गिरफ्तार कर लिया था. वह सहायक अध्यापिका से बहाली और नजदीकी विद्यालय में तैनाती के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था. अध्यापिका ने बीएसए के नाम से ही रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे. इस मामले में एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर की ओर से रिश्वतखोर बाबू परिश्रम सैनी और बीएसए राहुल मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.
दरअसल, सहारनपुर जिले के गांव सुल्तानपुर निवासी रीना देवी ने एंटी करप्शन ब्यूरो सहारनपुर में शिकायत की थी. रीना देवी ने बताया था कि शामली जिले के ऊन ब्लॉक क्षेत्र के गांव प्रधान नगर के विद्यालय में उसकी सहायक अध्यापिका के रूप में तैनाती थी. लेकिन, उस पर विभागीय अधिकारियों ने विद्यालय में कंपोजिट ग्रांट और स्पोर्ट्स ग्रांट में गबन के गलत आरोप लगाकर 22 नवंबर 2022 को निलंबित कर दिया. इसके बाद उसे थानाभवन ब्लॉक क्षेत्र में भैंसानी इस्लामपुर के विद्यालय से अटैच कर दिया गया. रीना देवी का आरोप था कि, बीएसए राहुल मिश्रा के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत बाबू परिश्रम सैनी ने उससे बहाल करने और नजदीकी विद्यालय में तैनाती के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
वहीं, शिकायत के बाद गुरुवार को सहारनपुर से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम निरीक्षक महेश कुमार दुबे के नेतृत्व में मेरठ की टीम के साथ में शामली पहुंची थी. जहां डीएम को अवगत कराने के बाद टीम ने भैंसवाल रोड पर बीएसए कार्यालय के निकट गाड़ी में बैठकर सहायक अध्यापिका रीना देवी से रिश्वत के एक लाख रुपये की 500-500 रुपये के नोटों की गड्डी लेते हुए बाबू परिश्रम सैनी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इन नोटों पर पहले ही केमिकल लगाया गया था. इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आरोपी बाबू को लेकर कोतवाली पहुंची. जहां आरोपियों से पूछताछ की गई.
वहीं, एंटी करप्शन ब्यूरो टीम की ओर से आरोपी बाबू परिश्रम सैनी से पूछताछ के बाद स्थानीय आदर्शमंडी थाने में लिखा-पढ़ी की गई. मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेश कुमार दुबे की ओर से रिश्वतखोर बाबू परिश्रम सैनी और बीएसए राहुल मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और आईपीसी की धारा 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. बीएसए पर रिश्वत में शामिल होने का आरोप है. उधर, इस मामले को लेकर बीएसए राहुल मिश्र ने आरोप निराधार बताए हैं.