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बच्ची के अपहरण के प्रयास में दोषी को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा

शामली में कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण मामले में आरोपी को सजा सुनाई है. इसके तहत आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड लगाया गया है.

कठोर कारावास की सजा
कठोर कारावास की सजा
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Published : Dec 22, 2022, 8:25 PM IST

शामली: जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2012 में घर से दूध लेने जा रही 6 वर्षीय बच्ची के अपहरण के प्रयास की वारदात हुई थी. इस मामले में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को दोषी करार दिया है. कोर्ट द्वारा दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है.

दरअसल, जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले शख्स ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया था कि, 25 मई 2012 की रात करीब साढ़े आठ बजे उसकी छह वर्षीय पुत्री मोहल्ले में ही दूध लेने के लिए जा थी. इसी दौरान सन्ना उर्फ मेहरदीन ने उसकी बेटी का मुंह दबाकर अपहरण करने का प्रयास किया. मौके से लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए घटना के अगले दिन आरोपी को कोर्ट में पेश किया था. जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था. तभी से आरोपी जेल में बंद हैं. बाद में पुलिस ने विवेचना के पश्चात आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था.

यह मामला जिले के कैराना में स्थित अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार के न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था. सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने अपना इकबाल जुर्म कर लिया था. जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने बताया कि गुरुवार को न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात अभियुक्त सन्ना उर्फ मेहरदीन को दोषी करार दिया. जिसके बाद दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह 26 दिन के अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान भी किया गया. कोर्ट ने दोषी द्वारा जेल में बिताई गई अवधि पर उसे रिहा करने के आदेश भी दिए हैं.

शामली: जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2012 में घर से दूध लेने जा रही 6 वर्षीय बच्ची के अपहरण के प्रयास की वारदात हुई थी. इस मामले में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को दोषी करार दिया है. कोर्ट द्वारा दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है.

दरअसल, जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले शख्स ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया था कि, 25 मई 2012 की रात करीब साढ़े आठ बजे उसकी छह वर्षीय पुत्री मोहल्ले में ही दूध लेने के लिए जा थी. इसी दौरान सन्ना उर्फ मेहरदीन ने उसकी बेटी का मुंह दबाकर अपहरण करने का प्रयास किया. मौके से लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए घटना के अगले दिन आरोपी को कोर्ट में पेश किया था. जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था. तभी से आरोपी जेल में बंद हैं. बाद में पुलिस ने विवेचना के पश्चात आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था.

यह मामला जिले के कैराना में स्थित अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार के न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था. सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने अपना इकबाल जुर्म कर लिया था. जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने बताया कि गुरुवार को न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात अभियुक्त सन्ना उर्फ मेहरदीन को दोषी करार दिया. जिसके बाद दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह 26 दिन के अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान भी किया गया. कोर्ट ने दोषी द्वारा जेल में बिताई गई अवधि पर उसे रिहा करने के आदेश भी दिए हैं.

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