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शाहजहांपुर: अवैध वाटर पार्कों में हो रही है पानी की बर्बादी

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में चल रहे अवैध वाटर पार्को में लाखों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस बारे में खामोश है.

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Published : Jul 7, 2019, 5:11 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

वाटर पार्कों में मस्ती करते लोग


उत्तर प्रदेशः जल संचयन को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. जिसके लिए सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. शाहजहांपुर के दो बड़े वाटर पार्क समरसिबल के जरिए भूमिगत पानी को व्यावसायिक रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. वाटर पार्कों में लोग मौज-मस्ती करने के लिए आते हैं. जिसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति 300 से 500 रुपए का शुल्क देना होता है.
प्रधानमंत्री ने देश की जनता से जल संचयन करने की अपील की है जिसके लिए पूरे देश में करोड़ों रुपए खर्च करके पानी बचाने की मुहिम तेज कर दी गई है. ऐसे में अगर पानी की बर्बादी को रोका नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे सामने पानी का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.

पानी की बर्बादी का सच

जल की बर्बादी का खेल

  • वाटर पार्कों में रोजाना लाखों लीटर पानी भरा जाता है और उसके बाद उसे नालों में बहा दिया जाता है.
  • वाटर पार्क मालिकों के पास जिला प्रशासन की कोई अनुमति नहीं है .
  • जिला प्रशासन भी पानी की बर्बादी को लेकर सिर्फ अपील करते नजर आ रहे हैं.

नगर निगम आयुक्त विद्या शंकर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की अपील पर सभी पानी का संचय कर सकते हैं एवं नगर क्षेत्र में कोई भी कहीं से पानी रिसोर्स कर सकता है.


उत्तर प्रदेशः जल संचयन को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. जिसके लिए सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. शाहजहांपुर के दो बड़े वाटर पार्क समरसिबल के जरिए भूमिगत पानी को व्यावसायिक रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. वाटर पार्कों में लोग मौज-मस्ती करने के लिए आते हैं. जिसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति 300 से 500 रुपए का शुल्क देना होता है.
प्रधानमंत्री ने देश की जनता से जल संचयन करने की अपील की है जिसके लिए पूरे देश में करोड़ों रुपए खर्च करके पानी बचाने की मुहिम तेज कर दी गई है. ऐसे में अगर पानी की बर्बादी को रोका नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे सामने पानी का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.

पानी की बर्बादी का सच

जल की बर्बादी का खेल

  • वाटर पार्कों में रोजाना लाखों लीटर पानी भरा जाता है और उसके बाद उसे नालों में बहा दिया जाता है.
  • वाटर पार्क मालिकों के पास जिला प्रशासन की कोई अनुमति नहीं है .
  • जिला प्रशासन भी पानी की बर्बादी को लेकर सिर्फ अपील करते नजर आ रहे हैं.

नगर निगम आयुक्त विद्या शंकर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की अपील पर सभी पानी का संचय कर सकते हैं एवं नगर क्षेत्र में कोई भी कहीं से पानी रिसोर्स कर सकता है.

Intro:नोट इस खबर में वॉइस ओवर भी दिया है

स्लग पानी की बर्बादी
एंकर पानी की बर्बादी को बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा रही है वहीं यूपी के शाहजहांपुर में अवैध रूप से चल रहे वाटर पार्क बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी करके लाखों रुपए कमा रहे हैं यहां वाटर पार्क रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी कर रहे हैं खास बात यह है कि जिला प्रशासन पानी की बर्बादी को रोकने के बजाय अपनी बेबसी बयां कर रहा है


Body:दरअसल इस समय जल संचय को लेकर सरकार बेहद संजीदा है इसी के चलते पूरे देश में जल संचयन को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन शाहजहांपुर के दो बड़े वाटर पार्क समर सेविल के जरिए भूमिगत पानी को व्यवसायिक रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं इन वाटर पार्कों में लोग गर्मी दूर करने के लिए इसमें मौज-मस्ती और नहाने आते हैं जिसके एवज में वाटर पार्क प्रति व्यक्ति 300 से 500 रुपए वसूलते हैं इन वाटर पार्कों में रोजाना लाखों लीटर पानी सुबह में भरा जाता है और उसके बाद उसे नालों में बहा दिया जाता है खास बात यह है कि इन वाटर पार्क मालिकों के पास जिला प्रशासन की कोई अनुमति नहीं है वहीं जिला प्रशासन भी पानी को की बर्बादी को लेकर सिर्फ अपील करते ही नजर आ रहे हैं

बाइट विवेक सिंगर स्थानीय नागरिक
बाइट विद्या शंकर सिंह नगर आयुक्त नगर निगम शाहजहांपुर


Conclusion:प्रधानमंत्री ने देश की जनता से जल संचयन करने की अपील की है जिसके लिए पूरे देश में करोड़ों रुपए खर्च करके पानी बचाने की मुहिम तेज तेज कर दी गई है ऐसे में अगर इस पानी की बर्बादी को रोका नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे सामने पानी का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा जिसके लिए पानी का व्यवसायिक इस्तेमाल ही सबसे बड़ी वजह बनेगा
Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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