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सराहनीयः मरीजों की बढ़ी संख्या तो किया ये समाधान

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों की बढ़ती संख्या और बेड फुल होने पर अब टेंट के नीचे इलाज शुरू किया गया है. इससे अब मरीजों को निराश वापस नहीं जाना पड़ रहा.

शाहजहांपुर
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Published : May 8, 2021, 6:52 PM IST

शाहजहांपुरः कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते देश के तमाम स्थानों पर अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. ऐसे में रोजाना मरीजों को अस्पतालों से वापस किए जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में एक सराहनीय प्रयास देखने को मिला है. यहां बेड फुल होने पर अस्पताल प्रशासन ने हार नहीं मानी. अस्पताल में टेंट (तम्बू) लगाकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में आए किसी मरीज को बिना इलाज के वापस न जाना पड़े, इसके लिए टेंट के नीचे मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर उन्हें ऑक्सीजन भी दी जा रही है. टेंट (तम्बू) में मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया जाता है. उसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

शाहजहांपुर

184 बेड हैं उपलब्ध
कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के कारण शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन के लिए 184 बेड उपलब्ध हैं. 40 मरीजों को अस्पताल के होल्डिंग एरिया में रोककर उनका इलाज किया जाता है. मेडिकल कॉलेज में इस समय सभी बेड फुल चल रहे हैं. यहां के ट्रॉमा सेंटर में रोजाना बड़ी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं. इसके चलते यहां बेड और जगह भी कम पड़ गई है. मरीजों में ज्यादातर फेफड़ों और सांस की बीमारी के मरीज हैं. बेड फुल होने की वजह से मरीजों को स्ट्रेचर और जमीन पर लिटाकर उनका इलाज करना पड़ रहा था. इस वजह से अस्पताल प्रशासन ने अब मेडिकल कॉलेज में तम्बू के नीचे मरीजों का इलाज शुरू किया है. यह टेबल पर मरीज को लिटाकर इलाज की व्यवस्था करते हैं.

इसे भी पढ़ेंः यूपी में बदलेगी होम आइसोलेशन की गाइडलाइन

ये बोले डॉक्टर
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभय सिन्हा का कहना है कि ट्रॉमा सेन्टर में जगह की कमी के कारण अब ट्रॉमा सेंटर के सामने और पीछे टेंट लगाकर मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया है. सांस लेने में दिक्कत होने वाले मरीजों को पहले टेंट में उपचार दिया जाता है. उसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

शाहजहांपुरः कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते देश के तमाम स्थानों पर अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. ऐसे में रोजाना मरीजों को अस्पतालों से वापस किए जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में एक सराहनीय प्रयास देखने को मिला है. यहां बेड फुल होने पर अस्पताल प्रशासन ने हार नहीं मानी. अस्पताल में टेंट (तम्बू) लगाकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में आए किसी मरीज को बिना इलाज के वापस न जाना पड़े, इसके लिए टेंट के नीचे मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर उन्हें ऑक्सीजन भी दी जा रही है. टेंट (तम्बू) में मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया जाता है. उसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

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184 बेड हैं उपलब्ध
कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के कारण शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन के लिए 184 बेड उपलब्ध हैं. 40 मरीजों को अस्पताल के होल्डिंग एरिया में रोककर उनका इलाज किया जाता है. मेडिकल कॉलेज में इस समय सभी बेड फुल चल रहे हैं. यहां के ट्रॉमा सेंटर में रोजाना बड़ी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं. इसके चलते यहां बेड और जगह भी कम पड़ गई है. मरीजों में ज्यादातर फेफड़ों और सांस की बीमारी के मरीज हैं. बेड फुल होने की वजह से मरीजों को स्ट्रेचर और जमीन पर लिटाकर उनका इलाज करना पड़ रहा था. इस वजह से अस्पताल प्रशासन ने अब मेडिकल कॉलेज में तम्बू के नीचे मरीजों का इलाज शुरू किया है. यह टेबल पर मरीज को लिटाकर इलाज की व्यवस्था करते हैं.

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ये बोले डॉक्टर
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभय सिन्हा का कहना है कि ट्रॉमा सेन्टर में जगह की कमी के कारण अब ट्रॉमा सेंटर के सामने और पीछे टेंट लगाकर मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया है. सांस लेने में दिक्कत होने वाले मरीजों को पहले टेंट में उपचार दिया जाता है. उसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

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