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शाहजहांपुर: गन्ना किसानों को दिया गया एसटीपी विधि से पौधे तैयार करने का प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में डालमिया चीनी मिल की निगोही यूनिट ने करेली गांव में कैंप लगाया. इसमें गन्ने में लगने वाले लाल सड़न रोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. किसानों को एसटीपी (स्ट्रिप ट्रांसप्लांट) विधि से पौधे तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया. किसानों ने इस विधि से प्रशिक्षण पाकर खुशी जाहिर की.

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गन्ना किसानों को दिया गया प्रशिक्षण.
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Published : Sep 22, 2020, 4:34 PM IST

शाहजहांपुर: जिले के डालमिया चीनी मिल की निगोही यूनिट ने गन्ने में लग रहे लाल सड़न रोग से बचाव के लिए किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखाए. किसानों को एसटीपी (स्ट्रिप ट्रांसप्लांट) विधि से पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान किसानों ने इस विधि से प्रशिक्षण पाकर खुशी जाहिर की.


दरअसल डालमिया चीनी मिल की निगोही यूनिट ने करेली गांव में कैंप लगाया, जिसमें गन्ने में लगने वाले लाल सड़न रोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. साथ ही किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखाए गए. चीनी मिल के वरिष्ठ प्रबंधक प्रदीप कुमार सिंह ने एसटीपी विधि से पौधे तैयार करने के बारे में प्रशिक्षण दिया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि लाल सड़न रोग से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. एसटीपी विधि से गन्ना बुवाई करने से लाल सड़न रोग से बचा जा सकता है. किसानों को शत-प्रतिशत बीज उपचारित करके बुवाई करनी चाहिए, जिससे फसल में लगने वाली बीमारी से पूरी तरीके से बचा जा सकता है.

वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक ने बताया कि गन्ने की प्रजाति 0238 में लाल सड़न रोग सबसे ज्यादा लग रहा है. इसीलिए एसटीपी विधि से लगाने की जरूरत है. उन्होंने को.शा. 13265 की एसटीपी विधि से पौधे तैयार करने की विधि बताई. उन्होंने बताया कि इस विधि से बीज भी कम लगता है. साथ ही 100 फीसदी उपचारित बीज से बुवाई हो जाती है.

शाहजहांपुर: जिले के डालमिया चीनी मिल की निगोही यूनिट ने गन्ने में लग रहे लाल सड़न रोग से बचाव के लिए किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखाए. किसानों को एसटीपी (स्ट्रिप ट्रांसप्लांट) विधि से पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान किसानों ने इस विधि से प्रशिक्षण पाकर खुशी जाहिर की.


दरअसल डालमिया चीनी मिल की निगोही यूनिट ने करेली गांव में कैंप लगाया, जिसमें गन्ने में लगने वाले लाल सड़न रोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. साथ ही किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखाए गए. चीनी मिल के वरिष्ठ प्रबंधक प्रदीप कुमार सिंह ने एसटीपी विधि से पौधे तैयार करने के बारे में प्रशिक्षण दिया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि लाल सड़न रोग से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. एसटीपी विधि से गन्ना बुवाई करने से लाल सड़न रोग से बचा जा सकता है. किसानों को शत-प्रतिशत बीज उपचारित करके बुवाई करनी चाहिए, जिससे फसल में लगने वाली बीमारी से पूरी तरीके से बचा जा सकता है.

वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक ने बताया कि गन्ने की प्रजाति 0238 में लाल सड़न रोग सबसे ज्यादा लग रहा है. इसीलिए एसटीपी विधि से लगाने की जरूरत है. उन्होंने को.शा. 13265 की एसटीपी विधि से पौधे तैयार करने की विधि बताई. उन्होंने बताया कि इस विधि से बीज भी कम लगता है. साथ ही 100 फीसदी उपचारित बीज से बुवाई हो जाती है.

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