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शाहजहांपुर में होती है रावण की पूजा, बच्चे-बड़े पैर छूकर मांगते मन्नत

शाहजहांपुर में दशहरे पर लोग भगवान राम के साथ-साथ रावण(Ravana worshiped in Shahjahanpur ) की भी पूजा करते हैं. यहां रावण के पुतले पर लोग प्रसाद चढ़ाते हैं और शीष नभाकर मन्नत मांगते हैं.

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शाहजहांपुर में की जाती है रावण की पूजा
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Published : Oct 5, 2022, 5:37 PM IST

शाहजहांपुरः पूरे देश में आज दशहरा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. लेकिन शाहजहांपुर में दशहरे पर लोग भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा (Ravana worshiped in Shahjahanpur ) करते हैं. यहां के खिरनी बाग रामलीला मैदान लोग रावण के पुतले के सामने शीष नभाते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं. दान-दक्षिणा करते हैं, इसके बाद रावण के पुतले का दहन किया जाता है.


यहां के लोग खासतौर पर अपने छोटे बच्चों को रावण के पुतले के पास लाते हैं और बच्चे से रावण के पुतले के पैर छूआकर आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि रावण की पूजा के पीछे ऐसा कहा जाता है कि रावण महाज्ञानी और महा पराक्रमी था. इन लोगों को धार्मिक विश्वास है कि रावण के पैर छूने से उनके बच्चे ज्ञानी और पराक्रमी बनेंगे.

शाहजहांपुर में रावण की पूजा की मान्यता के बारे में बताते श्रद्धालु

महिलाएं अपने नवजात बच्चों को भी रावण के पास लातीं है और रावण के पुतले के पैरों पर बच्चे का सिर लगाकर उसके बलवान और ज्ञानी होने की कामना करती हैं. यहां रावण दहन के बाद उनकी जली हुई अस्थियां यानी राख को लोग अपने घर लेकर भी जाते है. रावण की पूजा के बारे में लोगों का कहना है कि हम लोग इस लिए भी बच्चों को रावण का आशीर्वाद दिलाते हैं. ताकि ज्ञान और पराक्रम के साथ बच्चों को किसी प्रकार का भय ना लगे. रामलीला मेला आयोजक नीरज वाजपेई का कहना है कि खिरनी बाग रामलीला में आज रात को रावण का पुतला दहन होगा. रावण के पुतले की पूजा के पीछे उनकी आस्था है उनका मानना है कि रावण की पूजा और पैर छूने से लोग पराक्रमी और विद्यावान होंगे.

ये भी पढ़ेंः सहारनपुर में दशहरा के लिए बनाया गया रावण का पुतला बोलता भी है और हंसता भी है, जानें वजह.

शाहजहांपुरः पूरे देश में आज दशहरा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. लेकिन शाहजहांपुर में दशहरे पर लोग भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा (Ravana worshiped in Shahjahanpur ) करते हैं. यहां के खिरनी बाग रामलीला मैदान लोग रावण के पुतले के सामने शीष नभाते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं. दान-दक्षिणा करते हैं, इसके बाद रावण के पुतले का दहन किया जाता है.


यहां के लोग खासतौर पर अपने छोटे बच्चों को रावण के पुतले के पास लाते हैं और बच्चे से रावण के पुतले के पैर छूआकर आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि रावण की पूजा के पीछे ऐसा कहा जाता है कि रावण महाज्ञानी और महा पराक्रमी था. इन लोगों को धार्मिक विश्वास है कि रावण के पैर छूने से उनके बच्चे ज्ञानी और पराक्रमी बनेंगे.

शाहजहांपुर में रावण की पूजा की मान्यता के बारे में बताते श्रद्धालु

महिलाएं अपने नवजात बच्चों को भी रावण के पास लातीं है और रावण के पुतले के पैरों पर बच्चे का सिर लगाकर उसके बलवान और ज्ञानी होने की कामना करती हैं. यहां रावण दहन के बाद उनकी जली हुई अस्थियां यानी राख को लोग अपने घर लेकर भी जाते है. रावण की पूजा के बारे में लोगों का कहना है कि हम लोग इस लिए भी बच्चों को रावण का आशीर्वाद दिलाते हैं. ताकि ज्ञान और पराक्रम के साथ बच्चों को किसी प्रकार का भय ना लगे. रामलीला मेला आयोजक नीरज वाजपेई का कहना है कि खिरनी बाग रामलीला में आज रात को रावण का पुतला दहन होगा. रावण के पुतले की पूजा के पीछे उनकी आस्था है उनका मानना है कि रावण की पूजा और पैर छूने से लोग पराक्रमी और विद्यावान होंगे.

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