शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है. शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले (Disciple rape case) में एमपी/एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को स्वामी चिन्मयानंद को भगोड़ा (Swami Chinmayananda fugitive) घोषित किया है. इससे पहले कोर्ट चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर चुका है, इसके बाद भी कोर्ट की तारीख पर गुरुवार को भी नहीं पहुंचे. इसके बाद कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.
दरअसल, 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था. दुष्कर्म का मामला एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भेजे थे. लेकिन लगातार कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया. इससे पहले चिन्मयानंद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था. लेकिन स्वामी चिन्मयानंद कोर्ट में पेश नहीं हुए. पहले उनके वकील ने प्रार्थना पत्र देकर 19 दिसंबर तक का समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. गुरुवार को कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया है. कोर्ट ने चिन्मयानंद को 16 जनवरी 2023 को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया गया है.
शासकीय अधिवक्ता नीलमा सक्सेना का कहना है कि एमपी/एमएलए कोर्ट में स्वामी चिन्मयानंद को पेश होना था, लेकिन दोपहर 2:00 बजे स्वामी चिन्मयानंद की ओर से प्रार्थना पत्र आया, जिसमें 19 दिसंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई की तिथि का हवाला देते हुए और समय मांगा गया था. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए स्वामी चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. इस मामले में 16 जनवरी की तिथि नियत की गई है और इसमें पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर को स्वामी चिन्मयानंद को पुलिस अभिरक्षा में पेश करने के आदेश दिए गए हैं.
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