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गन्ना किसानों के लिए मिठास मेले का आयोजन - शाहजहांपुर गन्ना किसान

शाहजहांपुर जिले के गन्ना शोध संस्थान में गुरुवार को मिठास मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान गन्ने की दो नई किस्में किसानों को वितरित की गईं. बड़ी संख्या में किसान मेले में मौजूद रहे. मिठास मेले का उद्घाटन उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने किया.

गन्ना किसानों को होगा फायदा
गन्ना किसानों को होगा फायदा
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Published : Mar 18, 2021, 7:26 PM IST

शाहजहांपुर: जिले के गन्ना शोध संस्थान में किसानों के लिए मिठास मेले का आयोजन किया गया. इसके मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी रहे. इस मिठास मेले में शाहजहांपुर और आसपास के जनपदों के गन्ना किसानों को गन्ने की नई किस्म के बीज दिए गए. इसके साथ ही इस मिठास कार्यक्रम में वैज्ञानिक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण कराया गया और गन्ना किसानों को उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी गई. गन्ना किसानों को गन्ने की दो नई किस्म बीज के रूप में दी गई.

मिठास मेले का आयोजन
यह भी पढ़ें: शाहजहांपुर में पैगाम-ए-इंसानियत कार्यक्रम का हुआ आयोजन'गन्ना किसानों की बदल जाएगी किस्मत'

शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर तकनीक का इस्तेमाल करके गन्ने की दो नई किस्में तैयार की है. यह दो किस्में गन्ना किसानों की किस्मत को बदल देगी और उनकी आय को दोगुना कर देगी. गन्ने की किस्म 0238 का इस्तेमाल शाहजहांपुर के 90% गन्ना किसान कर रहे हैं. गन्ना कैंसर अर्थात लाल सड़न रोग की बीमारी से किसान बेहद परेशान हैं. इसके कारण कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई. इस लाल सड़न रोग की समस्या के बाद गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने गन्ने के खेत में 0238 की जगह कोसा 13235 और कोलक 14201 पर रिसर्च पूरी की है. आज इन नई दो किस्मों को गन्ना किसानों को बीज के रूप में दिया गया. गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक का कहना है कि यह दोनों नई किस्म गन्ना किसानों के लिए संजीवनी साबित होंगी. वैज्ञानिकों का दावा है कि गन्ने की दोनों नई किस्मों से गन्ने की रिकवरी रेट तो बढ़ेगा ही साथ ही गन्ना वजनदार और मोटा भी होगा.

शाहजहांपुर: जिले के गन्ना शोध संस्थान में किसानों के लिए मिठास मेले का आयोजन किया गया. इसके मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी रहे. इस मिठास मेले में शाहजहांपुर और आसपास के जनपदों के गन्ना किसानों को गन्ने की नई किस्म के बीज दिए गए. इसके साथ ही इस मिठास कार्यक्रम में वैज्ञानिक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण कराया गया और गन्ना किसानों को उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी गई. गन्ना किसानों को गन्ने की दो नई किस्म बीज के रूप में दी गई.

मिठास मेले का आयोजन
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शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर तकनीक का इस्तेमाल करके गन्ने की दो नई किस्में तैयार की है. यह दो किस्में गन्ना किसानों की किस्मत को बदल देगी और उनकी आय को दोगुना कर देगी. गन्ने की किस्म 0238 का इस्तेमाल शाहजहांपुर के 90% गन्ना किसान कर रहे हैं. गन्ना कैंसर अर्थात लाल सड़न रोग की बीमारी से किसान बेहद परेशान हैं. इसके कारण कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई. इस लाल सड़न रोग की समस्या के बाद गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने गन्ने के खेत में 0238 की जगह कोसा 13235 और कोलक 14201 पर रिसर्च पूरी की है. आज इन नई दो किस्मों को गन्ना किसानों को बीज के रूप में दिया गया. गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक का कहना है कि यह दोनों नई किस्म गन्ना किसानों के लिए संजीवनी साबित होंगी. वैज्ञानिकों का दावा है कि गन्ने की दोनों नई किस्मों से गन्ने की रिकवरी रेट तो बढ़ेगा ही साथ ही गन्ना वजनदार और मोटा भी होगा.

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