शाहजहांपुर: केंद्र सरकार 1868 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद करने का दावा कर रही है, लेकिन जिले में सरकार के इस दावे की पोल खुलती नजर आ रही है. यहां सरकारी धान खरीद सेंटरों की सुस्त गति की वजह से किसानों को अपना धान औने-पौने दाम पर आढ़तियों को बेचना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि यहां सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के धान को नम बताकर खरीदा जा रहा है, जिससे किसान कम दाम पर आढ़तियों के हाथ अपना धान बेचने को मजबूर हैं.
दरअसल, शाहजहांपुर में 127 क्रय केंद्रों पर 1 अक्टूबर से धान खरीद की जा रही है, जिसमें 29 पीसीयू, 38 पीसीएफ, 31 क्रय केंद्र विपणन शाखा, 10 नेफेड तथा 9 एफसीआई के क्रय केंद्र शामिल हैं. केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल सामान्य व ए ग्रेड धान का 1888 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन समर्थन मूल्य पर धान खरीद की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.8 क्रय केंद्र
यहां रोजा मंडी में आठ क्रय केंद्र लगाए गए हैं, जहां कुछ ही किसानों का धान खरीदा जाता है. किसानों का कहना है कि क्रय केंद्र प्रभारी धान में नमी बताकर किसानों का धान रिजेक्ट कर देते हैं, जिसके बाद किसान अपना धान मजबूरन आढ़तियों के हाथ औने-पौने दाम पर बेच रहे हैं. यहां आढ़तियों ने धान खरीद का रेट 900 से 1200 रुपये कर रखा है, जिस पर किसान अपना धान बेच रहे हैं.
सरकार धान खरीद को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है कि किसान को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा, लेकिन सरकारी तंत्र में जटिलता के चलते किसान बिचौलियों और आढ़तियों के माध्यम से अपनी उपज को बेचने को मजबूर हैं. अब देखना यह है कि सरकारी तंत्र कितने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवा पाता है.