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सहारनपुर में सामने आया मौलाना साद कनेक्शन, मरकज से लौटे ससुरालियों में कोरोना पॉजिटिव - सहारनपुर जिलाधिकारी

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मौलाना भाइयों पर ट्रैवेलिंग हिस्ट्री छिपाने और कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिले में अभी तक कुल 44 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 400 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट का स्वास्थ्य विभाग को इंतजार है.

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जिलाधिकारी अखिलेश सिंह
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Published : Apr 16, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

सहारनपुर: मरकज से निकला कोरोना अब मौलाना साद की ससुराल सहारनपुर तक पहुंच गया है. मरकज की जमात से होकर आए मौलाना साद के दो नजदीकी रिश्तेदारों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है. बड़ी बात ये है कि दोनों भाई मौलाना हैं, जो लॉकडाउन से ठीक पहले फ्रांस तक का सफर कर मरकज होते हुए सहारनपुर लौटे थे.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते जिलाधिकारी.

मौलाना भाइयों ने ठीक मौलाना साद की तरह अपनी ट्रैवेलिंग हिस्ट्री छिपाकर न सिर्फ धर्म गुरुओं के साथ लॉकडाउन का पालन करने की अपील करते रहे बल्कि अधिकारियों के साथ बैठकों में भी शामिल हुए. मरकज से आए लोगों की सीडीआर खंगाली तो मौलाना साद के ससुरालियों की हकीकत सामने आई है. जिसके बाद दोनों भाइयों को कोरोना स्पेशल हॉस्पिटल में भर्ती कर पूरे इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया है.

हजरत निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद मूल रूप से शामली जिले के कांधला के रहने वाला है. मौलाना साद की ससुराल सहारनपुर के थाना मंडी इलाके मुफ्ती मोहल्ले में हैं, जहां उसका आना-जाना लगा रहता है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से कुछ दिन पहले ही ससुराल होकर गए थे. निजामुद्दीन की मरकज में तबलीगी जमात बुलाई गई थी, जहां 1900 विदेशियों समेत देशभर के हजारों जमाती इकठ्ठा हुए और लॉकडाउन होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए.

ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने लोकभवन में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

मरकज़ से निकले सैकड़ों जमाती सहारनपुर में भी आए हुए हैं. जिला प्रशासन सीडीआर के माध्यम से जमातियों की तलाश कर क्वारंटाइन किया जा रहा है. जिला प्रशासन में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सहारनपुर के दो मौलाना भाइयों की सीडीआर रिपोर्ट सामने आई. दोनों भाई न सिर्फ फ्रांस की यात्रा करके आए बल्कि निजामुद्दीन की मरकज में उनकी लोकेशन पाई गई.

बताया जा रहा है कि दोनों भाई 19 मार्च को निजामुद्दीन की मरकज से अपने घर आए थे. जहां उन्होंने अपनी ट्रैवलिंग हिस्ट्री छिपाकर कई अधिकारियों को चाय पर भी बुलाया था. ये लोग लगातार लोगों के बीच जाकर खाने-पीने के सामान बंटवाने के नाम पर कोरोना वायरस बांटते रहे और लगातार लोगों के संपर्क में आते रहे, जबकि प्रशासन की अपील और बार-बार पूछने पर भी अपनी ट्रैवेलिंग हिस्ट्री नहीं बताई.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान कानपुर देहात की दो बहनें बनी चर्चा का विषय, जानें क्यों...

जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सीडीआर के माध्यम से इनकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में दोनों का कोरोना टेस्ट कराया गया. दोनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मोहल्ला मुफ्ती समेत कई इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया. जिले में अभी तक 20 से ज्यादा इलाकों को सील कर दिया गया है. किसी को भी घरों से बाहर और बाहर से इन इलाकों में जाने की अनुमति नहीं है. ट्रैवेलिंग हिस्ट्री छिपाने और कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

सहारनपुर: मरकज से निकला कोरोना अब मौलाना साद की ससुराल सहारनपुर तक पहुंच गया है. मरकज की जमात से होकर आए मौलाना साद के दो नजदीकी रिश्तेदारों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है. बड़ी बात ये है कि दोनों भाई मौलाना हैं, जो लॉकडाउन से ठीक पहले फ्रांस तक का सफर कर मरकज होते हुए सहारनपुर लौटे थे.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते जिलाधिकारी.

मौलाना भाइयों ने ठीक मौलाना साद की तरह अपनी ट्रैवेलिंग हिस्ट्री छिपाकर न सिर्फ धर्म गुरुओं के साथ लॉकडाउन का पालन करने की अपील करते रहे बल्कि अधिकारियों के साथ बैठकों में भी शामिल हुए. मरकज से आए लोगों की सीडीआर खंगाली तो मौलाना साद के ससुरालियों की हकीकत सामने आई है. जिसके बाद दोनों भाइयों को कोरोना स्पेशल हॉस्पिटल में भर्ती कर पूरे इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया है.

हजरत निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद मूल रूप से शामली जिले के कांधला के रहने वाला है. मौलाना साद की ससुराल सहारनपुर के थाना मंडी इलाके मुफ्ती मोहल्ले में हैं, जहां उसका आना-जाना लगा रहता है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से कुछ दिन पहले ही ससुराल होकर गए थे. निजामुद्दीन की मरकज में तबलीगी जमात बुलाई गई थी, जहां 1900 विदेशियों समेत देशभर के हजारों जमाती इकठ्ठा हुए और लॉकडाउन होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए.

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मरकज़ से निकले सैकड़ों जमाती सहारनपुर में भी आए हुए हैं. जिला प्रशासन सीडीआर के माध्यम से जमातियों की तलाश कर क्वारंटाइन किया जा रहा है. जिला प्रशासन में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सहारनपुर के दो मौलाना भाइयों की सीडीआर रिपोर्ट सामने आई. दोनों भाई न सिर्फ फ्रांस की यात्रा करके आए बल्कि निजामुद्दीन की मरकज में उनकी लोकेशन पाई गई.

बताया जा रहा है कि दोनों भाई 19 मार्च को निजामुद्दीन की मरकज से अपने घर आए थे. जहां उन्होंने अपनी ट्रैवलिंग हिस्ट्री छिपाकर कई अधिकारियों को चाय पर भी बुलाया था. ये लोग लगातार लोगों के बीच जाकर खाने-पीने के सामान बंटवाने के नाम पर कोरोना वायरस बांटते रहे और लगातार लोगों के संपर्क में आते रहे, जबकि प्रशासन की अपील और बार-बार पूछने पर भी अपनी ट्रैवेलिंग हिस्ट्री नहीं बताई.

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जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सीडीआर के माध्यम से इनकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में दोनों का कोरोना टेस्ट कराया गया. दोनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मोहल्ला मुफ्ती समेत कई इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया. जिले में अभी तक 20 से ज्यादा इलाकों को सील कर दिया गया है. किसी को भी घरों से बाहर और बाहर से इन इलाकों में जाने की अनुमति नहीं है. ट्रैवेलिंग हिस्ट्री छिपाने और कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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