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डीएपी खाद की किल्लत, बीजेपी विधायक ने जिला अधिकारी को लिखा पत्र

शाहजहांपुर में सहकारी समितियों और खाद्य सेंटरों पर काफी मारामारी है. लाइन लगाने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. शाहजहांपुर में खाद वितरण का लक्ष्य 12 हजार मीट्रिक टन था जो कि पूरा हो चुका है. इसके बावजूद खाद की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.

बीजेपी विधायक चेतराम
बीजेपी विधायक चेतराम
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Published : Nov 12, 2021, 7:37 PM IST

शाहजहांपुर : इस समय रबी की फसल की बुवाई चल रही है. यहां डीएपी खाद की बेहद किल्लत है. इससे किसान परेशान हैं. मौजूदा बीजेपी विधायक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर डीएपी खाद उपलब्ध कराने को कहा है जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई गयी. डीएपी खाद सेंटर पर भेजी जाने लगी है लेकिन अभी भी किसानों को खाद मिलने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

शाहजहांपुर में सहकारी समितियों और खाद्य सेंटरों पर काफी मारामारी है. आलम यह है कि किसानों को खाद लेने के लिए कई घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है. लाइन लगाने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल रही है क्योंकि जिले में खाद वितरण का लक्ष्य 12 हजार मीट्रिक टन था जो कि पूरा हो चुका है. वहीं खाद की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. भारी बारिश के बाद कई फसलें खराब हो गईं थीं. खराब फसल को फिर से उगाने के लिए फिर से खाद लगानी पड़ी जिसके चलते खाद की भारी किल्लत हो गई.

इतना ही नहीं, खराब फसल होने के बाद कई किसानों ने अपने खेतों को खाली करके गेहूं की बुवाई शुरू कर दी. इसके चलते डीएपी खाद की मांग एकदम से बढ़ गई.

इसे भी पढ़ेः डीएपी की किल्लत से किसान परेशान, खाद न मिलने पर नेशनल हाईवे किया जाम

वहीं, खुले बाजार में खाद की कीमत 2000 रुपये से भी अधिक चल रही हैं. इसके चलते किसान डीएपी खाद खरीद नहीं पा रहा है. इन समस्याओं को लेकर किसानों ने मौजूदा बीजेपी विधायक से डीएपी खाद की किल्लत की शिकायत की.

विधायक चेतराम ने जिलाधिकारी को एक चिट्ठी लिखी. विधायक का पत्र मिलने के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन की टीम ने किसानों को खाद का वितरण कराना शुरू किया है. हालांकि अभी भी हालात बेहद खराब हैं. वहीं जिला प्रशासन जल्द ही खाद की आपूर्ति पूरी करने की बात भी कर रहा है.

अफसरों का कहना है कि निर्धारित 12000 मीट्रिक टन खाद वितरित किया जा चुका है. इसके बाद भी खाद की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जिले में 3 हजार मीट्रिक टन हाथ में पहुंच जाएगी और किसानों को राहत मिल जाएगी.

वहीं, किसानों का कहना है कि वे पहले ही कुदरत की मार झेल चुके हैं. अब फसल उगाने के लिए खाद नहीं मिल रही है. इसके चलते किसानों की हालत बदतर है. वहीं आला अधिकारी जल्द खाद किल्लत को दूर कराने की बात कर रहे हैं.

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उन्नाव में भी खाद की कमी

उन्नाव में खाद की कमी किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. एक ओर रबी की फसल की बुवाई का पीक सीजन चल रहा है. बाजारों में डीएपी खाद की भारी किल्लत है. सरकारी केंद्रों पर या तो खाद खत्म हो चुकी है या केंद्रों पर ताला जड़ा हुआ है. वहीं, निजी केंद्रों पर खाद बहुत अधिक दामों पर बिक रही है.

आलू, सरसों और गेहूं की बुवाई के समय डीएपी खाद प्रयोग होती है. मगर इस समय भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. आलम यह है कि एक तरफ कृषि और सहकारी विभाग जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ सहकारी समितियों पर ताला लटका है. किसान खाद के लिए भटक रहे हैं.

उन्नाव में इस बार 2 लाख 43 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई होनी है. बुवाई के समय डीएपी खाद प्रयोग की जाती है. जिले में डीएपी का वितरण 145 सक्रिय समितियों, 25 कृषिकों, प्रगतिशील विक्रय समितियों, एग्रीजंक्शन केंद्रों तथा इफ्को के केंद्रों के माध्यम से होता है. मगर अभी तक महज 10 समितियों को ही खाद भेजी गई हैं. अन्य समितियों पर या तो ताला लगा है या वहां कर्मी नदारद मिलते हैं.

शाहजहांपुर : इस समय रबी की फसल की बुवाई चल रही है. यहां डीएपी खाद की बेहद किल्लत है. इससे किसान परेशान हैं. मौजूदा बीजेपी विधायक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर डीएपी खाद उपलब्ध कराने को कहा है जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई गयी. डीएपी खाद सेंटर पर भेजी जाने लगी है लेकिन अभी भी किसानों को खाद मिलने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

शाहजहांपुर में सहकारी समितियों और खाद्य सेंटरों पर काफी मारामारी है. आलम यह है कि किसानों को खाद लेने के लिए कई घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है. लाइन लगाने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल रही है क्योंकि जिले में खाद वितरण का लक्ष्य 12 हजार मीट्रिक टन था जो कि पूरा हो चुका है. वहीं खाद की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. भारी बारिश के बाद कई फसलें खराब हो गईं थीं. खराब फसल को फिर से उगाने के लिए फिर से खाद लगानी पड़ी जिसके चलते खाद की भारी किल्लत हो गई.

इतना ही नहीं, खराब फसल होने के बाद कई किसानों ने अपने खेतों को खाली करके गेहूं की बुवाई शुरू कर दी. इसके चलते डीएपी खाद की मांग एकदम से बढ़ गई.

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वहीं, खुले बाजार में खाद की कीमत 2000 रुपये से भी अधिक चल रही हैं. इसके चलते किसान डीएपी खाद खरीद नहीं पा रहा है. इन समस्याओं को लेकर किसानों ने मौजूदा बीजेपी विधायक से डीएपी खाद की किल्लत की शिकायत की.

विधायक चेतराम ने जिलाधिकारी को एक चिट्ठी लिखी. विधायक का पत्र मिलने के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन की टीम ने किसानों को खाद का वितरण कराना शुरू किया है. हालांकि अभी भी हालात बेहद खराब हैं. वहीं जिला प्रशासन जल्द ही खाद की आपूर्ति पूरी करने की बात भी कर रहा है.

अफसरों का कहना है कि निर्धारित 12000 मीट्रिक टन खाद वितरित किया जा चुका है. इसके बाद भी खाद की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जिले में 3 हजार मीट्रिक टन हाथ में पहुंच जाएगी और किसानों को राहत मिल जाएगी.

वहीं, किसानों का कहना है कि वे पहले ही कुदरत की मार झेल चुके हैं. अब फसल उगाने के लिए खाद नहीं मिल रही है. इसके चलते किसानों की हालत बदतर है. वहीं आला अधिकारी जल्द खाद किल्लत को दूर कराने की बात कर रहे हैं.

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उन्नाव में भी खाद की कमी

उन्नाव में खाद की कमी किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. एक ओर रबी की फसल की बुवाई का पीक सीजन चल रहा है. बाजारों में डीएपी खाद की भारी किल्लत है. सरकारी केंद्रों पर या तो खाद खत्म हो चुकी है या केंद्रों पर ताला जड़ा हुआ है. वहीं, निजी केंद्रों पर खाद बहुत अधिक दामों पर बिक रही है.

आलू, सरसों और गेहूं की बुवाई के समय डीएपी खाद प्रयोग होती है. मगर इस समय भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. आलम यह है कि एक तरफ कृषि और सहकारी विभाग जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ सहकारी समितियों पर ताला लटका है. किसान खाद के लिए भटक रहे हैं.

उन्नाव में इस बार 2 लाख 43 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई होनी है. बुवाई के समय डीएपी खाद प्रयोग की जाती है. जिले में डीएपी का वितरण 145 सक्रिय समितियों, 25 कृषिकों, प्रगतिशील विक्रय समितियों, एग्रीजंक्शन केंद्रों तथा इफ्को के केंद्रों के माध्यम से होता है. मगर अभी तक महज 10 समितियों को ही खाद भेजी गई हैं. अन्य समितियों पर या तो ताला लगा है या वहां कर्मी नदारद मिलते हैं.

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