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संत रविदास नगर: सब्जी किसानों पर पड़ी मौसम की मार, आलू में पाला का खतरा - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर में बदले मौसम की वजह से आलू की फसल में पाला लगने की आशंका है. जिससे किसान चिंतित हैं.

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आलू की फसल में पाला का खतरा.
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Published : Jan 13, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 2:47 PM IST

संत रविदास नगर: मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद कुछ दिनों पहले हुई बारिश की वजह से किसानों की परेशानी फिर से बढ़ने वाली है. पिछले बुधवार को हुई बारिश और ओले पड़ने से ठंड और गलन एक बार फिर से बढ़ गई है. बदला हुआ मौसम विशेषकर आलू के लिए बेहद घातक हो सकता है. इस मौसम की वजह से आलू में पाला लगने की आशंका है, तो वहीं फूल ले चुके तिलहन की फसल सरसों में माहों का खतरा मंडरा रहा है.

आलू की फसल में पाला का खतरा.

फसल के लिए नुकसानदेह है बदलता मौसम

  • जिले में कुल 423 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का 92 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है
  • इस बार शुरुआती दौर में ही कोहरे का असर दिखाई पड़ने लगा था, जिसकी वजह से यह लक्ष्य पाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
  • पिछले कुछ दिनों से हो रही धूप की वजह से किसान बेहतर उपज को लेकर आशान्वित हुए थे.
  • पिछले सप्ताह हुई बारिश की वजह से आलू में पाला का खतरा बढ़ गया है.
  • हालांकि गेहूं की फसल के लिए पानी और ठंड दोनों लाभकारी साबित होंगे.

आलू के लिए खतरा तो है, लेकिन अभी वह रिकवरी के दौर में है. कुछ दिनों में अगर ऐसे ही धूप निकलती रही तो होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. हालांकि यह सब्जी की खेती के लिए पाला काफी नुकसान दे साबित हो सकता है. आलू को पाला से बचाने के लिए कार्बेंडाजिम दवा डाई इथेन 45, कॉपर ऑक्सिक्लोराइड में से कोई एक दवा ढाई सौ ग्राम पानी में मिलाकर छिड़काव करने से इसका बचाव किया जा सकता है. कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफॉस या रोगर दवा ढाई मिली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

- अरविंद सिंह, जिला कृषि निदेशक

संत रविदास नगर: मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद कुछ दिनों पहले हुई बारिश की वजह से किसानों की परेशानी फिर से बढ़ने वाली है. पिछले बुधवार को हुई बारिश और ओले पड़ने से ठंड और गलन एक बार फिर से बढ़ गई है. बदला हुआ मौसम विशेषकर आलू के लिए बेहद घातक हो सकता है. इस मौसम की वजह से आलू में पाला लगने की आशंका है, तो वहीं फूल ले चुके तिलहन की फसल सरसों में माहों का खतरा मंडरा रहा है.

आलू की फसल में पाला का खतरा.

फसल के लिए नुकसानदेह है बदलता मौसम

  • जिले में कुल 423 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का 92 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है
  • इस बार शुरुआती दौर में ही कोहरे का असर दिखाई पड़ने लगा था, जिसकी वजह से यह लक्ष्य पाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
  • पिछले कुछ दिनों से हो रही धूप की वजह से किसान बेहतर उपज को लेकर आशान्वित हुए थे.
  • पिछले सप्ताह हुई बारिश की वजह से आलू में पाला का खतरा बढ़ गया है.
  • हालांकि गेहूं की फसल के लिए पानी और ठंड दोनों लाभकारी साबित होंगे.

आलू के लिए खतरा तो है, लेकिन अभी वह रिकवरी के दौर में है. कुछ दिनों में अगर ऐसे ही धूप निकलती रही तो होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. हालांकि यह सब्जी की खेती के लिए पाला काफी नुकसान दे साबित हो सकता है. आलू को पाला से बचाने के लिए कार्बेंडाजिम दवा डाई इथेन 45, कॉपर ऑक्सिक्लोराइड में से कोई एक दवा ढाई सौ ग्राम पानी में मिलाकर छिड़काव करने से इसका बचाव किया जा सकता है. कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफॉस या रोगर दवा ढाई मिली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

- अरविंद सिंह, जिला कृषि निदेशक

Intro:मौसम में आए अचानक बदलाव तथा कुछ दिनों पहले हुई बारिश किसानों की परेशानियों को फिर से बढ़ाने वाली है पिछले बुधवार को हुए बारिश व ओले पड़ने से ठंड व गलन एक बार फिर से बढ़ गई है बदला मौसम विशेषकर आलू के लिए बेहद घातक हो सकता है आलू में पाला लगने की आशंका है तो वहीं फूल ले चुके तिलहन की फसल सरसों में माहों का खतरा है


Body:हालांकि गेहूं की फसल के लिए पानी और ठंड दोनों लाभकारी साबित होंगे जिले में कुल 423 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का 92 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है इस बार शुरुआती दौर में ही कोहरे का असर दिखाई पड़ने लगा था जिसकी वजह से यह लक्ष्य पाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है बरहाल पिछले कुछ दिनों से हो रहे धूप की वजह से किसान बेहतर उपज को लेकर आशान्वित हुए थे लेकिन पिछले सप्ताह हुई बारिश की वजह से किसानों को आलू में पाला का खतरा बढ़ गया है


Conclusion:जिला कृषि निदेशक के अनुसार आलू के लिए खतरा तो है लेकिन अभी वह रिकवरी के दौर में है कुछ दिनों में अगर ऐसे ही धूप निकलती रही तो होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है हालांकि यह सब्जी की खेती के लिए पाला काफी नुकसान दे साबित हो सकता है आलू में पाला के लक्षण और उनका बचाव निम्न तरीके से किया जा सकता है पाला से प्रभावित आलू और सब्जी फसल की पत्तियां गलने लगती हैं पत्तियों में पीले धब्बे दिखाई पड़ने लगते इसके साथ ही पौधा सूखना शुरू कर देता है किसानों ने सावधानी नहीं बरती तो फसल बर्बाद होने के साथ ऊपर प्रभावित होती है सुरक्षा के लिए किसानों को चाहिए कि कार्बेंडाजिम दवा डाई इथेन 45, कॉपर ऑक्सिक्लोराइड में से कोई एक दवा ढाई सौ ग्राम पानी में मिलाकर छिड़काव करने से इसका बचाव किया जा सकता है कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफॉस या रोगर दवा ढाई मिली दवा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने चाहिए साथी सल्फर का छिड़काव इसके लिए लाभकारी साबित हो सकता है पूरे जिले में 10 हजार हेक्टेयर सब्जी की खेती होती है बारिश की वजह से प्याज की फसल में भी देर हो चुकी है सब्जी किसान रंजीत उपाध्याय के बाइट तथा जिला कृषि निदेशक अरविंद सिंह की बाइट
Last Updated : Jan 13, 2020, 2:47 PM IST
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