संत रविदास नगर: मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद कुछ दिनों पहले हुई बारिश की वजह से किसानों की परेशानी फिर से बढ़ने वाली है. पिछले बुधवार को हुई बारिश और ओले पड़ने से ठंड और गलन एक बार फिर से बढ़ गई है. बदला हुआ मौसम विशेषकर आलू के लिए बेहद घातक हो सकता है. इस मौसम की वजह से आलू में पाला लगने की आशंका है, तो वहीं फूल ले चुके तिलहन की फसल सरसों में माहों का खतरा मंडरा रहा है.
फसल के लिए नुकसानदेह है बदलता मौसम
- जिले में कुल 423 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का 92 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है
- इस बार शुरुआती दौर में ही कोहरे का असर दिखाई पड़ने लगा था, जिसकी वजह से यह लक्ष्य पाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
- पिछले कुछ दिनों से हो रही धूप की वजह से किसान बेहतर उपज को लेकर आशान्वित हुए थे.
- पिछले सप्ताह हुई बारिश की वजह से आलू में पाला का खतरा बढ़ गया है.
- हालांकि गेहूं की फसल के लिए पानी और ठंड दोनों लाभकारी साबित होंगे.
आलू के लिए खतरा तो है, लेकिन अभी वह रिकवरी के दौर में है. कुछ दिनों में अगर ऐसे ही धूप निकलती रही तो होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. हालांकि यह सब्जी की खेती के लिए पाला काफी नुकसान दे साबित हो सकता है. आलू को पाला से बचाने के लिए कार्बेंडाजिम दवा डाई इथेन 45, कॉपर ऑक्सिक्लोराइड में से कोई एक दवा ढाई सौ ग्राम पानी में मिलाकर छिड़काव करने से इसका बचाव किया जा सकता है. कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफॉस या रोगर दवा ढाई मिली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.
- अरविंद सिंह, जिला कृषि निदेशक