भदोहीः ग्राम स्तर पर नियुक्त सौ सफाई कर्मचारी पिछले 57 दिनों से इंसाफ की मांग कर रहे हैं. दरअसल, वे परमानेंट नौकरी के लिए पिछले 20 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. अभी तक किसी अधिकारी ने न उनसे बात की और न हीं उनकी मांगों का संज्ञान लिया.
कर्मचारियों को कब मिलेगा उनका हक
आपको बता दें कि 2008 में 1264 सफाई कर्मचारियों के लिए वैकेंसी निकाली गयी थी. जिसमें 3,200 सफाई कर्मचारी इंटरव्यू के लिए क्वालिफाई किये गये थे. जिसमें से 1,264 कर्मचारियों को स्थायी नौकरी मिलने वाली थी. लेकिन उस वक्त डीएम नरेंद्र शंकर पाण्डेय ने उन्हें काम की अनुमति देकर बाद में स्थायी करने का आश्वासन दे दिया. इन सफाई कर्मचारियों से 2014 से लेकर 2017 तक 3 साल काम कराया गया. लेकिन उनको सैलरी नहीं दी गई. जिसके बाद प्रदेश के बाकी 74 जिलों में सफाई कर्मचारियों को नियमित रूप से जितने पद खाली थे, उन्हें नौकरी दे दी गई. लेकिन भदोही में 1264 सफाई कर्मी की वैकेंसी को अभी भी स्थाई नियुक्ति नहीं मिली है. जिसको लेकर वे पिछले 57 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि इससे पहले भी वे कई बार धरने पर बैठ चुके हैं. लेकिन अधिकारियों के मनाने और उनके आश्वासन पर वे मान कर काम पर लौट गये. हालांकि इस बार सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जब तक स्थाई नियुक्ति नहीं मिलेगी, तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे.
ये है पूरा मामला
दरअसल, सन 2008 में पूरे प्रदेश में 1,08,000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकली थी. ये नियुक्ति ग्रामीण स्तर पर की जानी थी. बाकी जिलों में नियुक्तियां तो हो गईं, लेकिन भदोही में अभी तक नियुक्ति नहीं की गई है.