भदोही: जिले का एकमात्र राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कमियों से जूझ रहा है. इस महाविद्यालय को काशी नरेश ने सन 1952 में पठन-पाठन के उद्देश्य से राज्य सरकार को सौंप दिया था, जहां महाविद्यालय का निर्माण किया गया था. उसके 10 साल बाद यहां छात्रों को रहने के लिए छात्रावास बनाया गया, जिसमें पांच से सात सौ छात्र रहते थे. उस समय इसकी स्थिति सही थी, लेकिन कई वर्षों से इसकी मरम्मत और रखरखाव सही तरीके से नहीं करने की वजह से खंडहर में तब्दील हो गया.
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पीडब्ल्यूडी ने छात्रावास को रहने योग्य नहीं किया घोषित
- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पिछले 10 साल से छात्र अन्य जिलों से आकर यहां पढ़ाई करते हैं.
- महाविद्यालय के छात्रावासों के सही रखरखाव न होने से अब वह खंडहर बन चुका है.
- स्थिति यह है कि इस छात्रावास को पीडब्ल्यूडी ने नहीं रहने योग्य घोषित कर दिया है.
- इस वजह से छात्र किराए के रूम लेकर रहने को मजबूर हैं.
- छात्रों का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार पिछले कई सालों से ध्यान नहीं दे रही है.
- छात्रों और महाविद्यालय प्रशासन के द्वारा कई बार उच्चतर शिक्षा निदेशालय से लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखे जा चुके हैं.