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महाशिवरात्रि पर सेमराधनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंच रहे श्रद्धालु - महाशिवरात्रि 2021

भदोही के सेमरधनाथ मंदिर में आज महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर शिव जी प्रत्येक मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

जलाभिषेक करने पहुंच रहे श्रद्धालु
जलाभिषेक करने पहुंच रहे श्रद्धालु
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Published : Mar 11, 2021, 6:17 PM IST

संत रविदास नगर: जिले के शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर श्रद्धालु पूजा अर्चना कर रहे हैं. भदोही के प्राचीन सेमराधनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. मान्यता है कि शिव जी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर
सेमरधनाथ मंदिर बहुत पहले काशी में हुआ करता थ, लेकिन भदोही जिला बनने के बाद यह मंदिर जिले की सीमा में आ गया. मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व गंगा से जा रहे एक व्यापारी के सपने में भोलेनाथ आए थे. उन्होंने कहा कि वह गंगाजी के किनारे जमीन के नीचे हैं. जब व्यापारी ने खुदाई कराई तो विशाल शिवलिंग निकला. व्यापारी ने जब शिवलिंग अपने साथ ले जाने की सोची तो खुदाई के समय शिवलिंग जमीन के नीचे धंसती चली गई.

इसके बाद व्यापारी ने सेमरधनाथ नाम से इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया. तभी से यह मंदिर एक कुएं में विराजमान है. मान्यता है कि जमीन से निकले शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं.

संत रविदास नगर: जिले के शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर श्रद्धालु पूजा अर्चना कर रहे हैं. भदोही के प्राचीन सेमराधनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. मान्यता है कि शिव जी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर
सेमरधनाथ मंदिर बहुत पहले काशी में हुआ करता थ, लेकिन भदोही जिला बनने के बाद यह मंदिर जिले की सीमा में आ गया. मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व गंगा से जा रहे एक व्यापारी के सपने में भोलेनाथ आए थे. उन्होंने कहा कि वह गंगाजी के किनारे जमीन के नीचे हैं. जब व्यापारी ने खुदाई कराई तो विशाल शिवलिंग निकला. व्यापारी ने जब शिवलिंग अपने साथ ले जाने की सोची तो खुदाई के समय शिवलिंग जमीन के नीचे धंसती चली गई.

इसके बाद व्यापारी ने सेमरधनाथ नाम से इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया. तभी से यह मंदिर एक कुएं में विराजमान है. मान्यता है कि जमीन से निकले शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं.

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