भदोही : जनपद के कालीन उद्योग में अभी भी बाल श्रमिकों से कालीन की बुनाई कराई जा रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब यहां एक कालीन कारखाने से भागे 11 वर्षीय बाल श्रमिक को चाइल्ड लाइन की टीम ने रेलवे स्टेशन से बरामद किया. बच्चे को बाल कल्याण समिति सौंपा गया है. पिछले वर्ष 10 बच्चो को कालीन कारखाने से मुक्त कराए जाने के बाद फिर बाल श्रमिक मिलना कालीन उद्योग के लिए शुभ संकेत नहीं है.
बाल श्रमिक को बचाया गया -
- जिले के कालीन उद्योग में बच्चों से काम कराने का मामला सामने आया है.
- कारखाने से भागे बच्चे को रेलवे स्टेशन से बरामद किया.
- बच्चे ने बताया कि कारखाने में दो और भी बच्चे कालीन बुनाई का काम करते हैं.
- बच्चा पश्चिम बंगाल का रहने वाला है.
- उसके चाचा ने यहां लाकर कालीन बुनाई के काम मे लगा दिया.
- बाल श्रमिक ने बताया कि काम न करने पर उसका चाचा उसकी पिटाई भी करता था.
- वह अपने घर जाना चाहता है और इसी वजह से कारखाने से भागकर स्टेशन पहुंच गया.
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बच्चा भदोही शहर के पीरखापुर स्थित एक कालीन कारखाने में काम करता है. उस कारखाने को मिराज नाम का व्यक्ति संचालित करता है. इस मामले में श्रम विभाग को अवगत करा दिया गया है. बच्चे के संरक्षण और पुनर्वास के लिए आवश्यक कार्यवाई की जा रही है.
- डॉ. अनिल श्रीवास्तव, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष