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बाल श्रम कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां, धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में बच्चे डीसीएफ धान क्रय केंद्र पर बोरियां उठा रहे हैं. डीसीएफ धान क्रय केंद्र की ये संस्था बालिग से नहीं बल्कि नाबालिगों से ही पल्लेदारी कराती है.

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Published : Nov 25, 2019, 6:51 PM IST

धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां

संतकबीरनगर: सरकार बाल मजदूरी को रोकने के लिए कई कानून बना चुकी है, लेकिन फिर भी ऐसे कई मामले हमारे सामने आते हैं जो बालश्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं. जिले में डीसीएफ धान क्रय केंद्र की संस्था है. जहां बच्चें केंद्र पर बोरियां उठा रहे हैं. यह संस्था बालिग से नहीं बल्कि नाबालिग बच्चों से पल्लेदारी कराती है. ऐसे नाबालिग पल्लोदार जिन्हें अपनी मजदूरी के बारे में पता ही नहीं होता है.

धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां.

धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां

  • मामला जिले के सेमरियावां ब्लाक में आने वाले लहुरादेवा गांव का है.
  • जहां जिले के डीसीएफ धान क्रय केंद्र पर बच्चे बोरियां उठा रहे हैं.
  • इस संस्था को धान खरीदने वाली पीसीएख के द्वारा संचालित किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- बदहाल होता संतकबीरनगर का बर्तन उद्योग, पलायन को मजबूर हुनरमंद

डीसीएफ धान क्रय केंद्र की ये संस्था बालिग से नहीं बल्कि नाबालिगों से पल्लोदारी कराती है. ऐसे नाबालिग पल्लेदार जिन्हें अपनी मजदूरी के बारे में भी पता नहीं होता है. जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रम विभाग से जांच कराने की बात कही है. जांच में अनियमितता पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी.

संतकबीरनगर: सरकार बाल मजदूरी को रोकने के लिए कई कानून बना चुकी है, लेकिन फिर भी ऐसे कई मामले हमारे सामने आते हैं जो बालश्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं. जिले में डीसीएफ धान क्रय केंद्र की संस्था है. जहां बच्चें केंद्र पर बोरियां उठा रहे हैं. यह संस्था बालिग से नहीं बल्कि नाबालिग बच्चों से पल्लेदारी कराती है. ऐसे नाबालिग पल्लोदार जिन्हें अपनी मजदूरी के बारे में पता ही नहीं होता है.

धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां.

धान क्रय केंद्र पर बच्चे उठा रहे बोरियां

  • मामला जिले के सेमरियावां ब्लाक में आने वाले लहुरादेवा गांव का है.
  • जहां जिले के डीसीएफ धान क्रय केंद्र पर बच्चे बोरियां उठा रहे हैं.
  • इस संस्था को धान खरीदने वाली पीसीएख के द्वारा संचालित किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- बदहाल होता संतकबीरनगर का बर्तन उद्योग, पलायन को मजबूर हुनरमंद

डीसीएफ धान क्रय केंद्र की ये संस्था बालिग से नहीं बल्कि नाबालिगों से पल्लोदारी कराती है. ऐसे नाबालिग पल्लेदार जिन्हें अपनी मजदूरी के बारे में भी पता नहीं होता है. जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रम विभाग से जांच कराने की बात कही है. जांच में अनियमितता पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी.

Intro:संतकबीरनगर-बालश्रम कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां ,धान क्रय केंद्र पर बाल मजदूरों से कराया जा रहा कार्यBody:


एंकर.. बाल मजदूरी को रोकने के लिए सरकार पूरी तरह से सख्त है। और बाकायदा इसके लिए कानून भी बनाया गया है। जिसके तहत श्रम विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम। ऑपरेशन मुस्कान के तहत छापेमारी भी की जाती है। लेकिन संतकबीरनगर जिले में सरकारी महकमा ही खुलेआम बाल मजदूरी करा के, बालश्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाता हुआ नजर आ रहा है। और ऐसे बाल मजदूर । जिन्हें ये पता ही ना हो। कि उन्हें इस मजदूरी के कितने पैसे मिलेंगे

Conclusion:
वीओ.. धान क्रय केंद्र पर बोरियां उठाते इन बच्चों को जरा गौर से देखिए, जिनके के कंधे पर देश का भविष्य है। जिनके हाथों में कॉपी और कलम होनी चाहिए है। और सरकार ऐसे लोगों के लिए तमाम योजनाएं भी चला रही है। लेकिन हाय रे सिस्टम। यहां तो, धान खरीदने वाली संस्था, पीसीएफ ने मानो ठान लिया हो कि, हमे तो, बाल मजदूरी कराके, बस कानून का चीरहरण करना है, जिन्हें न तो कानून का डर है, और नाही सरकार की।

वीओ...बाल श्रम कानून का चीरहरण करने की ये तसवीर, संतकबीरनगर ज़िले के सेमरियावां ब्लाक में आने वाले। लहुरादेवा गांव में स्थित , डीसीएफ धान क्रय केंद्र की है, और इसे धान ख़रीदने वाली संस्था पीसीएफ़ के द्वारा संचालित किया जाता है। और ये संस्था, बालिग से नही। बल्कि, नाबालिगों से, पल्लोदारी कराती है, और ऐसे नाबालिग पल्लोदार, जिन्हें, अपनी, मज़दूरी के बारे में पता ही नही है की, इनको इनकी मेहनताने की मज़दूरी क्या मिलेगी, कियूंकि ये हम नही। बल्कि, बाल मज़दूर ख़ुद अपने बारे में बता रहे है । कि उनकी उम्र क्या है, कहां से आए हैं। और बाकी तस्वीर तो आपके सामने है, जो खुद बखुद गवाही देती है। की संतकबीरनगर ज़िले में किस तरह बाल मज़दूरी कराई जा रही है। वहीं इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, श्रम विभाग से जांच कराने की बात कही है। और कहा कि। अगर जांच में अनियमितता पाई जाएगी। तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी होनी तय है।

बाइट-आकाश बाल मजदूर

बाइट-संदीप बाल मजदूर

बाइट- रवीश गुप्ता- जिलाधिकारी

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