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भदोहीः 30 रुपये किलो फिर भी नहीं बिक रहे चिकन - coronavirus safety

यूपी के भदोही में कोरोना वायरस की वजह से चिकन कारोबार पर प्रभाव पड़ा है. जिले में चिकन 30 रुपये किलो होने की वजह से भी दुकानदारों को कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.

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30 रुपये किलो फिर भी नहीं बिक रहा चिकन.
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Published : Mar 18, 2020, 7:23 PM IST

भदोहीः कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते हुए संक्रमण की वजह से सभी व्यापारियों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. मांस के व्यापारी इससे काफी परेशान हैं. चिकन और मटन की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. जिले में 30 रुपये किलो चिकन बेचे जाने पर भी लोग इतना डरे हुए हैं कि उसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं.

30 रुपये किलो फिर भी नहीं बिक रहा चिकन.

चिकन के छोटे दुकानदार तो परेशान हैं ही सबसे बड़ी परेशानी पोल्ट्री फॉर्म वालों को हो रही है. उनका व्यापार खत्म होने के कगार पर आ गया है. जहां बड़ी दुकानों पर प्रतिदिन 400 से लेकर 500 किलो चिकन प्रतिदिन काटा जाता था. उन दुकानों पर 20 से 25 किलो चिकन भी नहीं बिक पा रहा है. पोल्ट्री फॉर्म चलाने वाले शोएब का कहना है कि जो हमारे पोल्ट्री फॉर्म में चिकन तैयार होते हैं. उनको 40 से 50 दिनों में हमें बेचना होता है. नहीं तो वह फिर बीमारी से ग्रसित होकर मर जाते हैं. उनका कहना है कि जब से कोरोना वायरस फैला है. लोगों ने चिकन खाना लगभग छोड़ दिया है. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- भदोही: ज्ञानपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए नहीं है सैनिटाइजर की व्यवस्था

जिले में चार बड़े पोल्ट्री फॉर्म संचालित होते हैं. जहां से प्रतिदिन लगभग 5 से 6000 मुर्गे बाजार में बिकते थे, लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि 200 रुपये से 100 रुपये किलो में बिकने वाले चिकन को लोग 30 रुपये किलो में भी नहीं खरीद रहे हैं. लोगों के अंदर कोरोनावायरस का डर इतना है कि लोग मीट की दुकानों के बगल से भी गुजरने से परहेज कर रहे हैं.

प्रशासन ने भी मीट के दुकानदारों को खुले में चिकन मटन काटने से मना कर दिया है. एहतियात के तौर पर अधिकारी ऐसे दुकानों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. शोएब नाम के एक चिकन व्यापारी का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही हम लोग सड़क पर आ जाएंगे.

भदोहीः कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते हुए संक्रमण की वजह से सभी व्यापारियों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. मांस के व्यापारी इससे काफी परेशान हैं. चिकन और मटन की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. जिले में 30 रुपये किलो चिकन बेचे जाने पर भी लोग इतना डरे हुए हैं कि उसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं.

30 रुपये किलो फिर भी नहीं बिक रहा चिकन.

चिकन के छोटे दुकानदार तो परेशान हैं ही सबसे बड़ी परेशानी पोल्ट्री फॉर्म वालों को हो रही है. उनका व्यापार खत्म होने के कगार पर आ गया है. जहां बड़ी दुकानों पर प्रतिदिन 400 से लेकर 500 किलो चिकन प्रतिदिन काटा जाता था. उन दुकानों पर 20 से 25 किलो चिकन भी नहीं बिक पा रहा है. पोल्ट्री फॉर्म चलाने वाले शोएब का कहना है कि जो हमारे पोल्ट्री फॉर्म में चिकन तैयार होते हैं. उनको 40 से 50 दिनों में हमें बेचना होता है. नहीं तो वह फिर बीमारी से ग्रसित होकर मर जाते हैं. उनका कहना है कि जब से कोरोना वायरस फैला है. लोगों ने चिकन खाना लगभग छोड़ दिया है. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है.

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जिले में चार बड़े पोल्ट्री फॉर्म संचालित होते हैं. जहां से प्रतिदिन लगभग 5 से 6000 मुर्गे बाजार में बिकते थे, लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि 200 रुपये से 100 रुपये किलो में बिकने वाले चिकन को लोग 30 रुपये किलो में भी नहीं खरीद रहे हैं. लोगों के अंदर कोरोनावायरस का डर इतना है कि लोग मीट की दुकानों के बगल से भी गुजरने से परहेज कर रहे हैं.

प्रशासन ने भी मीट के दुकानदारों को खुले में चिकन मटन काटने से मना कर दिया है. एहतियात के तौर पर अधिकारी ऐसे दुकानों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. शोएब नाम के एक चिकन व्यापारी का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही हम लोग सड़क पर आ जाएंगे.

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