ETV Bharat / state

भदोही के कालीन व्यवसाय पर पड़ा लॉकडाउन का असर, करोड़ों के नुकसान की संभावना

यूपी के भदोही जनपद की कालीन देश में ही नहीं, विश्व में भी एक अलग पहचान रखती है. कालीन के कारोबार पर लॉकडाउन का बुरा असर देखने को मिला है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान 2 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान इस उद्योग को हुआ है.

भदोही कालीन उद्योग व्यवसाय
कालीन व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर
author img

By

Published : Apr 20, 2020, 10:55 AM IST

भदोही: जनपद में कालीन के कारोबार से सैकड़ों बुनकरों का घर चलता है. देश मे लगे लॉकडाउन का इस कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है. निर्यातक बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान कालीन के कारोबार को हुआ है.

करोड़ों के आर्डर पर माल तैयार होकर भी लॉकडाउन की वजह से एक्सपोर्ट नहीं हो पाए. ऐसे में जनपद के कालीन कारोबारी ने मांग की है कि अगर हमें काम करने की छूट मिलती है तो हम सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए काम करेंगे.

भदोही कालीन उद्योग व्यवसाय
कालीन व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर

बुनकरों पर कहर बन टूटा लॉकडाउन
इस संकट की घड़ी में बुनकरों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है. बुनकरों का कहना है कि कारोबार शुरू होने से वो अपने परिवार का पेट आसानी से भर सकेंगे. लॉकडाउन के दौरान जितनी भी जमापूंजी थी खत्म हो गयी है, उनका घर चला पाना मुश्किल हो गया है.

भदोही कालीन उद्योग व्यवसाय
कालीन की व्यवसाय.

औराई विधानसभा में स्थिति द्विवेदी कार्पेट के सुरेश द्विवेदी का कहना कि लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार बुनकरों पर पड़ी है. कालीन का काम कई महीने का होता है. ज्यादातर बुनकर भी गांवों में ही हैं.

दूसरे काम में न लग जाए बुनकर
औराई विधानसभा में स्थित अजंनी कार्पेट के पीयूष बरनवाल ने बताया कि यदि कोरोना से शुरू हुई आफत और बढ़ती चली गई तो ये बुनकरों को निगल जाएगी. जैसे-जैसे बाजार में मांग गिरती जाएगी वैसे-वैसे कालीन बनाने का काम ठप होता जाएगा. ऐसे में आशंका ये है कि ऐसे हालात में बुनकर दूसरे कामों में न लग जाएं. एक बार ऐसा शुरू हो गया तो फिर इसे रोका नहीं जा सकता और न ही इसका विकल्प तैयार किया जा सकता है.

भदोही: जनपद में कालीन के कारोबार से सैकड़ों बुनकरों का घर चलता है. देश मे लगे लॉकडाउन का इस कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है. निर्यातक बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान कालीन के कारोबार को हुआ है.

करोड़ों के आर्डर पर माल तैयार होकर भी लॉकडाउन की वजह से एक्सपोर्ट नहीं हो पाए. ऐसे में जनपद के कालीन कारोबारी ने मांग की है कि अगर हमें काम करने की छूट मिलती है तो हम सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए काम करेंगे.

भदोही कालीन उद्योग व्यवसाय
कालीन व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर

बुनकरों पर कहर बन टूटा लॉकडाउन
इस संकट की घड़ी में बुनकरों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है. बुनकरों का कहना है कि कारोबार शुरू होने से वो अपने परिवार का पेट आसानी से भर सकेंगे. लॉकडाउन के दौरान जितनी भी जमापूंजी थी खत्म हो गयी है, उनका घर चला पाना मुश्किल हो गया है.

भदोही कालीन उद्योग व्यवसाय
कालीन की व्यवसाय.

औराई विधानसभा में स्थिति द्विवेदी कार्पेट के सुरेश द्विवेदी का कहना कि लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार बुनकरों पर पड़ी है. कालीन का काम कई महीने का होता है. ज्यादातर बुनकर भी गांवों में ही हैं.

दूसरे काम में न लग जाए बुनकर
औराई विधानसभा में स्थित अजंनी कार्पेट के पीयूष बरनवाल ने बताया कि यदि कोरोना से शुरू हुई आफत और बढ़ती चली गई तो ये बुनकरों को निगल जाएगी. जैसे-जैसे बाजार में मांग गिरती जाएगी वैसे-वैसे कालीन बनाने का काम ठप होता जाएगा. ऐसे में आशंका ये है कि ऐसे हालात में बुनकर दूसरे कामों में न लग जाएं. एक बार ऐसा शुरू हो गया तो फिर इसे रोका नहीं जा सकता और न ही इसका विकल्प तैयार किया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.