भदोही: देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन का खासा असर किसानों पर भी देखने को मिल रहा है. किसान काफी परेशान हैं, खेतों में गेहूं की फसल तैयार है, लेकिन कटाई के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं जो किसान अपने खेत को खाली कर चुके हैं या फिर अपनी कटाई तत्काल कराने वाले हैं उनके लिए इस समय सबसे माकूल फसल मूंग रहेगी.
किसान खेतों में अगर दूसरी फसल बोते हैं जो पारंपरिक रूप से कृषि की जाती है उसके अनुरूप से काफी देर हो चुकी है. इसकी वजह से फसलों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा. उनकी पैदावार भी काफी कम होगी, इसलिए अगर मूंग की फसल बोते हैं तो उनके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.
मूंग गर्मी को झेलने के लिए सबसे सही फसल
मूंग गर्मियों में ही बोई जाती हैं. मूंग गर्मी को झेलने के लिए सबसे सही फसल है और मूंग की खेती करने का सबसे सही समय अप्रैल और मई का महीना ही होता है. किसान अपने खाली पड़े खेतों में जायद की इस फसल की बुवाई कर अपने खाली खेतों से अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि खेत की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए भी मूंग की खेती बड़ी कारगर सिद्ध होती है.
10 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल लगा दें फसल
फसलों की कटाई के बाद उसकी जोताई करा कर किसान आसानी से मूंग की बुवाई करवा सकते हैं. अगर 10 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक या फसल लगा दी जाए तो इसकी पैदावार काफी अच्छी होगी और किसानों को इससे होने वाला फायदा भी काफी ज्यादा होगा. बाजारों में मूंग की कीमत काफी अच्छी मिल रही है, जिससे किसान आराम से मूंग लगा सकता है.
इस तरह से करें पैदावार
खेती के लिए पहले खेत की अच्छे से जुताई करनी पड़ेगी. इसके बाद पंक्ति में 20 से 25 सेमी पंक्तियों में दूरी रखनी है, जबकि पौधों के बीच 6 से 8 सेंटीमीटर की दूरी रखना जरूरी है. मूंग की इन वैरायटी की बुवाई कर किसान औसतन 15 से 17 कुंटल पैदावार प्रति हेक्टेयर हासिल कर सकते हैं. प्रति हेक्टेयर मूंग की बुवाई 20 से 25 टन उर्वरक खाद के साथ भी आसानी से किया जा सकता है.
किसान कमा सकते हैं अच्छा पैसा
मूंग की जड़ों में नाइट्रोजन फिक्स करने वाले बैक्टीरिया होते हैं, जिससे कि खेत की उर्वरा शक्ति काफी बढ़ जाती है. कृषि आयुक्त अरविंद सिंह ने बताया कि यह समय मूंग की खेती के लिए सबसे माकूल है और यह आसानी से लगाया भी जा सकता है. शारीरिक दूरी बना कर आराम से इसे लगाया जा सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी बुवाई मशीन के द्वारा भी की जा सकती है. पैदावार से किसान अच्छा पैसा कमा सकता है.