भदोही: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के कुछ घंटों बाद मुंबई के बांद्रा में अचानक हजारों की भीड़ जुट गई. ये कैसे हुआ? किसने किया? इसका जवाब ढूंढ़ने में मुंबई पुलिस लग गई है. मंगलवार को मुंबई पुलिस ने लोगों की भीड़ जुटाने और उन्हें उकसाने के आरोप में विनय दुबे नाम के शख्स को हिरासत में लिया है. पुलिस ने विनय का सोशल मीडिया अकाउंट खंगाला. वह भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के हरीनारायणपुर गांव का निवासी है और काफी लंबे समय से मुंबई में रह कर राजनीति करता है.
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गांव के लोगों के अनुसार पहले वह बकरी की खरीद-फरोख्त किया करता था. इसके बाद उत्तर भारतीय महापंचायत संगठन बनाया और उसका अध्यक्ष बना. उसके पिता वहां लंबे समय से मुंबई में ऑटो ड्राइवर हैं. जब मुंबई में उत्तर भारतीयों को पीटा गया था, तब भी वह फेसबुक और सोशल मीडिया के माध्यम से मनसे और राज ठाकरे पर पलटवार कर चुका है.
पिछले लोकसभा चुनाव में विनय दुबे ने कल्याण से चुनाव लड़ा, मगर जमानत जब्त हो गई थी. विनय दुबे ने मुंबई से वाराणसी तक के लिए बसें भी चलवाई हैं. एक महीना पहले फेसबुक पर इसके फॉलोअर्स एक लाख थे, लेकिन शाहीन बाग जाने के बाद और वहां से वीडियो डालने के बाद ही अचानक इसके फॉलोअर्स दो लाख से अधिक हो गए.
एनआरसी और सीएए के विरोध में सैकड़ों यात्राएं की. उसी दौरान इसके फॉलोअर्स बढ़ते गए. आरोप है कि वह पिछले कई दिनों से मजदूर वर्ग के लोगों को फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों से भड़काने की कोशिश कर रहा था. उसके कहने पर ही अचानक से इतने लोग बांद्रा में जुट गए. अभी वह मुंबई पुलिस के हिरासत में है. यहां उसके गांव में लोगों का कहना है कि उसका गांव से कोई लेना देना नहीं है. उसके पिता का नाम जटाशंकर दुबे हैं और वह अपने बच्चे के साथ शुरू से ही मुंबई ही में रहे हैं. ग्रामीण उसकी इस हरकत से काफी आक्रोशित हैं और उसके लिए सजा की मांग भी कर रहे हैं.
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