भदोही: जिले में पिछले 3 सालों में पौधारोपण अभियान के तहत 45 लाख पौधे लगाए गए, लेकिन देखरेख के अभाव में अधिकतर पौधे सूख गए. फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2019 के मुताबिक 1015 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले जिले में हरित क्षेत्र 3.12 वर्ग किलोमीटर ही है. वन क्षेत्र है ही नहीं. इस साल भी 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. इसके लिए गड्ढों को खोदने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
प्रभागीय वन अधिकारी आलोक सक्सेना कहते हैं कि पौधारोपण के बाद वन विभाग अपने पौधों की सुरक्षा करता है, लेकिन अन्य विभाग ध्यान नहीं देते हैं. जिससे अधिकतर पौधे सूख जाते हैं. पौधों की देख-रेख भी बेहद जरूरी है. नहीं तो वह नष्ट हो जाएंगे. जुलाई-अगस्त में होने वाले पौधारोपण अभियान में करीब चार लाख पौधे 12 प्रमुख मार्गो के किनारे रोपें जाएंगे. इसके लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. जहां गड्ढों की खुदाई का काम शुरू हो चुका है. जबकि नर्सरी में पौधे तैयार हो रहे हैं. बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए हरियाली का अनवरत दोहन हो रहा है. शासन और प्रशासन की ओर से पौधारोपण की उसकी भरपाई का प्रयास किया जाता है लेकिन धरातल पर वह सफल नहीं हो पाता हर 5 साल से 15 लाख तक पौधे रोपे जाते हैं.
वन विभाग संघ अन्य सरकारी विभागों की ओर से पौधारोपण का कार्य पूर्ण किया जाता है. सरकारी जमीन दफ्तरों के आस-पास पौधे लगाए जाते हैं. इस बार व्यापक स्तर पर सड़कों के किनारे पौधारोपण की तैयारियां पूरी की जा रही है. ज्ञानपुर से लाला नगर मार्ग, कौलापुर से सेमराध मार्ग, जगीगंज सें सेमराध मार्ग, सहित कुल 12 मार्गों को वन विभाग ने चिन्हित किया है. इन मार्गो के किनारे पौधरोपण के लिए गड्ढा खुदाई का काम शुरू हो गया है. प्रभागीय वन अधिकारी आलोक सक्सेना ने कहा कि 2021 में 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला हैं. इसमें 3 लाख 50 हजार पौधे वन विभाग लगाएगा. उन्होंने कहा कि करीब 12 प्रमुख मार्ग के किनारे पेड़ नहीं हैं जिनके किनारे पौधे लगाने के लिए गड्ढों की खुदाई का काम चल रहा है.
एक पौधे पर खर्च होते हैं 2 रुपये
वन विभाग के मुताबिक पौधरोपण अभियान को सफल बनाने के लिए हर साल शासन से बजट मिलता है. जहां एक पौधे पर 2 रुपये खर्च होते हैं. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 3 साल में करीब 45 लाख पौधे लगाए गए. जिस पर 90 लाख रुपये खर्च किए गए.
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