संत रविदास नगर: जिले की 561 ग्राम पंचायतों में आधे से अधिक गांव के पंचायत भवनों का काम अधर में लटका है. पंचायत भवन बनवाने की कवायद शुरू हुई हुई थी कि सरकार का खजाना खाली हो गया. लगभग 270 ग्राम पंचायतों के निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया. 70 गांव में जमीन के विवाद की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया है. अब तक मात्र 15 पंचायत भवन पूरे कराए जा चुके हैं, जबकि 31 मार्च तक सभी को किसी भी हालत में पंचायत भवन निर्माण कार्य को पूरा करा देना है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे पंचायत भवन
नए पंचायत भवनों में पंचायत सचिव, लेखपाल आदि के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था वहां उपलब्ध होगी, ताकि लोगों को आय, जाति, मूल निवास और खतौनी आदि अभिलेखों के लिए ब्लॉक के चक्कर न काटने पड़े. जिले की 561 ग्राम पंचायतों में से करीब 100 में पंचायत भवन पहले से बने हुए हैं. हालांकि देखरेख के अभाव में वह भी बिल्कुल जर्जर हो चुके हैं और कुछ की स्थिति ऐसी है कि उन्हें प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.
231 पंचायत भवनों का निर्माण कार्य अधूरा
विभागीय तौर पर 231 पंचायत भवनों के निर्माण कार्य अभी आधे भी पूरे नहीं हुए थे, जबकि वहां निर्माण बंद हो गया है. हकीकत यह है कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया और उनके कार्यकाल खत्म होने के साथ ही काम भी ठप पड़ गया है. पंचायत भवनों के लिए अलग से कोई धनराशि शासन से आवंटित नहीं की गई है, जिन ग्राम पंचायतों में धनराशि थी, उसमें पंचायत भवनों का निर्माण चल रहा है. पहले सांसद ने 31 दिसंबर तक पंचायत भवनों का निर्माण पूरा कराने का निर्देश दिया था, लेकिन बाद में 31 मार्च तक उसे बढ़ा दिया गया है. हालांकि बजट की समस्या बतायी जा रही है.
डीपीआरओ बालेश्वर तिवारी ने बताया कि अधिकांश ग्राम पंचायतों में बजट की कमी के कारण पंचायत भवन के निर्माण में विलंब हो रहा है. जिन ग्राम पंचायत में बजट की कमी है, उन्हें चिन्हित कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. बजट आते ही फिर से काम शुरू कर दिया जाएगा और हमारा लक्ष्य है कि जल्द से जल्द उसे पूरा कराया जा सके.