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ओडीएफ घोषित संतकबीरनगर, फिर भी खुले में शौच पर मजबूर ग्रामीण!

यूपी के संतकबीरनगर में ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली से तंग आकर ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजना के तहत आए पैसे को ग्राम प्रधान ने हजम कर लिया और ग्रामीणों को शौचालय और आवास नहीं दिया गया.

ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली से तंग आकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Aug 10, 2019, 10:38 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीरनगर: ग्रामीण जब अपने ही जनप्रतिनिधि के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अपने जनप्रतिनिधि से कितना खासा नाराज होंगे. दरअसल यह पूरा मामला संत कबीर नगर जिले के पौली ब्लाक अंतर्गत खैरा ग्राम पंचायत का है. जहां के ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने आवास तो दिलवाया लेकिन बदले में किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपये लिए.

ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली से तंग आकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.
ओडीएफ (ओपन डेफेकेशन फ्री) है जनपद-जनपद ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन अब भी जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि की मनमानी की वजह से ग्राम पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं.खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण-
  • ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने आवास तो दिलवाया लेकिन बदले में किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपये लिए.
  • ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर भी उनकी मदद नहीं की गई.
  • ग्रामीणों का कहना है कि आज भी वह झोपड़ी में रहने और खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें:- संतकबीरनगर: युवा टोली की अनोखी पहल, गरीब छात्रों को बांट रहे पठन-पाठन की सामग्री

इस गांव में हुए विकास कार्यों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है, जो जमीनी स्तर पर तमाम मामलों की जांच करेगी. जो भी इस जांच के दौरान दोषी पाए जाएंगे, उन पर सरकारी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
-बब्बन उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी

संतकबीरनगर: ग्रामीण जब अपने ही जनप्रतिनिधि के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अपने जनप्रतिनिधि से कितना खासा नाराज होंगे. दरअसल यह पूरा मामला संत कबीर नगर जिले के पौली ब्लाक अंतर्गत खैरा ग्राम पंचायत का है. जहां के ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने आवास तो दिलवाया लेकिन बदले में किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपये लिए.

ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली से तंग आकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.
ओडीएफ (ओपन डेफेकेशन फ्री) है जनपद-जनपद ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन अब भी जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि की मनमानी की वजह से ग्राम पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं.खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण-
  • ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने आवास तो दिलवाया लेकिन बदले में किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपये लिए.
  • ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर भी उनकी मदद नहीं की गई.
  • ग्रामीणों का कहना है कि आज भी वह झोपड़ी में रहने और खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें:- संतकबीरनगर: युवा टोली की अनोखी पहल, गरीब छात्रों को बांट रहे पठन-पाठन की सामग्री

इस गांव में हुए विकास कार्यों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है, जो जमीनी स्तर पर तमाम मामलों की जांच करेगी. जो भी इस जांच के दौरान दोषी पाए जाएंगे, उन पर सरकारी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
-बब्बन उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:एक तरफ जहां सरकार ग्रामीण स्तर पर अपनी योजनाओं को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पौली ब्लाक के खैरा ग्राम पंचायत के लोग ग्राम प्रधान पर प्रधानमंत्री आवास के नाम पर अवैध वसूली करने जैसा गंभीर आरोप लगा रहे हैं।वही इस पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी ने कमीटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया है।


Body:ग्रामीण जब अपने ही जनप्रतिनिधि के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अपने जनप्रतिनिधि से कितना खासा नाराज होंगे।दरअसल यह पूरा मामला संत कबीर नगर जिले के पौली ब्लाक अंतर्गत खैरा ग्राम पंचायत का है जहां के ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने आवास तो दिलवाया लेकिन बदले में किसी से 20 हज़ार तो किसी से 30 हज़ार रुपए लिए।इस अवैध वसूली से तंग आकर ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।इस गांव में कई ग्रामीण ऐसे भी हैं जिन्हें आज तक शौचालय नहीं मिला है और ना ही उन्हें आवास दिया गया है।कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर भी उनकी मदद नहीं हो सकी है।जिसकी वजह से आज भी वह झोपड़ी में रहने और खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।आपको बता दें कि जनपद ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है,लेकिन अब भी जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि की मनमानी की वजह से ग्राम पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं।


Conclusion:वहीं इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी बबन उपाध्याय ने कहा कि इस गांव में हुए विकास कार्यों की जांच के लिए एक कमिटी बनाई जा रही है,जो जमीनी स्तर पर तमाम मामलों की जांच करेगी।जो भी इस जांच के दौरान दोषी पाए जाएंगे उन पर सरकारी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी ।

बाईट1
परदेसी-ग्रामीण

बाईट2
रामवृक्ष-ग्रामीण

बाईट-3
ईमिरता देवी

काउंटर बाईट
बब्बन उपाध्याय
मुख्य विकास अधिकारी
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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