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नेताओं के वादे निकले झूठे, पिछले 20 साल से गड्ढों में सड़क ढूंढ रहे ग्रामीण - उत्तर प्रदेश समाचार

संत कबीर नगर जिले में दर्जनों सड़कें पिछले 20 साल से बदहाल हैं. इन खस्ताहाल सड़कों से राहगीर गुजरने को मजबूर हैं. बड़ी संख्या में लोग इन सड़कों पर भरे पानी और कीचड़ में गिरकर चोटिल हो रहे हैं.

villagers face problem over bad road from last 20 years in sant kabir nagar
villagers face problem over bad road from last 20 years in sant kabir nagar
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Published : Aug 18, 2021, 4:44 PM IST

संत कबीर नगर: जिले में दर्जनों सड़कें बदहाल हैं. शिकायत करने के बावजूद भी जिला प्रशासन इन सड़कों का निर्माण कार्य नहीं करा रहा रहा है. इन बदहाल सड़कों से गुजरने के लिए लोग मजबूर हैं.

परेशानी बताते ग्रामीण
आपको बता दें कि सत्ता में आते ही योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त का ऐलान किया था. लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. जिले में कई ऐसी सड़कें हैं, जिन पर न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की नजर पड़ रही है और न ही जिले के अधिकारियों की. बदहाल सड़कों के कारण लोगों को सड़क पर जलभराव व कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ रहा है. सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आए दिन वाहन चालकों व राहगीरों को अपनी जान जोखिम में डालकर यहां से होकर जाना पड़ता है.यहां बरसात ने लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी है. विभाग द्वारा सड़कों का उचित रख रखाव न किए जाने के कारण बरसात का सारा पानी सड़कों पर भर जाता है. इस कारण सड़कें तालाब का रूप ले लेती हैं. संत कबीर नगर जनपद के सबसे बड़े विकास खंड सेमरियावां के क्षेत्र के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान मोहम्मद अहमद के नेतृत्व में नौवाडीह ग्राम सभा से एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी दिव्या मित्तल से मिला. ग्रामीणों ने उनको शिकायती पत्र देकर सड़क और नाली निर्माण करवाने की मांग की.
खराब सड़कों से बदहाल जीवन
खराब सड़कों से बदहाल जीवन

ग्रामीणों ने कहा कि 5000 आबादी वाली ग्राम पंचायत नावाडीह द्वितीय के मार्ग करीब 20 वर्षों से बदहाल हैं. स्थिति यह है कि जल निकासी की व्यवस्था न होने से साल में 6 माह तक गांव में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी कठिनाई बच्चों को होती है. वो पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं. गांव के लोगों ने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- राम की नगरी अयोध्या में जगमगाएंगे 7.5 लाख दीप, बनेगा नया रिकॉर्ड

वहीं ग्रामीण मोहम्मद अरमान ने कहा कि चुनाव के वक्त लोगों द्वारा विकास का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद वो क्षेत्र में कभी दिखाई नहीं देते. इसलिए विकास का दावा क्षेत्र के लिए अभी तक सिर्फ छलावा ही साबित हुआ है. डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि जिले की अधिकतर सड़कों का टेंडर हो चुका है. जल्द ही निर्माण कार्य कराते हुए आवागमन सुनिश्चित कराया जाएगा.

संत कबीर नगर: जिले में दर्जनों सड़कें बदहाल हैं. शिकायत करने के बावजूद भी जिला प्रशासन इन सड़कों का निर्माण कार्य नहीं करा रहा रहा है. इन बदहाल सड़कों से गुजरने के लिए लोग मजबूर हैं.

परेशानी बताते ग्रामीण
आपको बता दें कि सत्ता में आते ही योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त का ऐलान किया था. लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. जिले में कई ऐसी सड़कें हैं, जिन पर न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की नजर पड़ रही है और न ही जिले के अधिकारियों की. बदहाल सड़कों के कारण लोगों को सड़क पर जलभराव व कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ रहा है. सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आए दिन वाहन चालकों व राहगीरों को अपनी जान जोखिम में डालकर यहां से होकर जाना पड़ता है.यहां बरसात ने लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी है. विभाग द्वारा सड़कों का उचित रख रखाव न किए जाने के कारण बरसात का सारा पानी सड़कों पर भर जाता है. इस कारण सड़कें तालाब का रूप ले लेती हैं. संत कबीर नगर जनपद के सबसे बड़े विकास खंड सेमरियावां के क्षेत्र के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान मोहम्मद अहमद के नेतृत्व में नौवाडीह ग्राम सभा से एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी दिव्या मित्तल से मिला. ग्रामीणों ने उनको शिकायती पत्र देकर सड़क और नाली निर्माण करवाने की मांग की.
खराब सड़कों से बदहाल जीवन
खराब सड़कों से बदहाल जीवन

ग्रामीणों ने कहा कि 5000 आबादी वाली ग्राम पंचायत नावाडीह द्वितीय के मार्ग करीब 20 वर्षों से बदहाल हैं. स्थिति यह है कि जल निकासी की व्यवस्था न होने से साल में 6 माह तक गांव में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी कठिनाई बच्चों को होती है. वो पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं. गांव के लोगों ने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन किया जाएगा.

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वहीं ग्रामीण मोहम्मद अरमान ने कहा कि चुनाव के वक्त लोगों द्वारा विकास का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद वो क्षेत्र में कभी दिखाई नहीं देते. इसलिए विकास का दावा क्षेत्र के लिए अभी तक सिर्फ छलावा ही साबित हुआ है. डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि जिले की अधिकतर सड़कों का टेंडर हो चुका है. जल्द ही निर्माण कार्य कराते हुए आवागमन सुनिश्चित कराया जाएगा.

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