संत कबीर नगर: जिले का एक गांव सरकारी योजनाओं की बदहाली की कहानी बयां कर रहा है. इस गांव की सैकड़ों की आबादी को आजादी के सत्तर साल बाद भी छत नसीब नहीं है. यहां के लोग अभी भी छप्पर में रहने को मजबूर हैं. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते सैकड़ों की आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है.
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कभी नहीं हुआ विकास
जिले के पौली ब्लॉक के गागरगड़ गांव में 500 लोगों की आबादी है. इस बस्ती में सरकारी योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं. घर के नाम पर ग्रामीणों के पास बस घास फूस की झोपड़ी है. आजादी के सत्तर साल बाद भी इस बस्ती के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया. गरीब लोगों को पक्का मकान देने की प्रधानमत्री आवास योजना भी इनका कायाकल्प नहीं कर पाई. पीढ़ियों से टूटी-फूटी झोपड़ी में जिन्दगी बसर कर रहे लोगों पर आज तक किसी की नजर नहीं पड़ी. मूलभूत सुविधाओं के नाम पर इनके पास कुछ भी नहीं है. वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रहे इन ग्रामीणों का हाल जानने आज तक कोई नहीं आया है. सरकार की योजनाएं इस बस्ती तक आते-आते दम तोड़ देती हैं.
गांव में एक भी पक्का घर नहीं
गांव की रहने वाली कबूतरा देवी ने बताया कि सरकार की योजनाएं इस पुरवे पर नहीं मिल रही हैं. वोट के समय में जनप्रतिनिधि और प्रधान प्रत्याशी आते हैं, वोट लेते हैं और चले जाते हैं. विकास के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि की नजर इस गांव पर नहीं पड़ती है. 500 की आबादी वाले इस गांव में अभी भी एक पक्का मकान नहीं बन पाया है. जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना इस गांव में दम तोड़ती नजर आ रही है. गांद की रहने वाली संगीता देवी ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा दूसरे पुरवे पर ही अपने चहेतों को आवास और अन्य सरकारी योजनाएं मुहैया कराई जाती हैं. पूरे मामले पर सीडीओ अतुल मिश्र ने बताया कि मामले की जानकारी संज्ञान में आया है. संबंधित अधिकारियों को तत्काल मामले से अवगत कराया गया है और रिपोर्ट मांगी गई है. जल्द ही लोगों को सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.