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यहां तो मुक्तिधाम में कर दिया करोड़ों का घोटाला - संत कबीर नगर में करोड़ों का घोटाला

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में मुक्तिधाम के निर्माण और रखरखाव में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप लगे हैं. एक शिकायतकर्ता ने इस मामले में डीएम को पत्र सौंपा है. डीएम ने जांच के निर्देश दिए हैं.

संत कबीर नगर
संत कबीर नगर
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Published : Mar 30, 2021, 5:41 PM IST

संत कबीर नगरः मुक्तिधाम और श्मशान घाट ऐसा स्थान है, जहां मरने के बाद लोगों का दाह संस्कार किया जाता है. कहा जाता है कि यहां आकर कुछ समय के लिए लोगों की मोह-माया खत्म हो जाती है लेकिन अब तो मुक्तिधाम ही मायाजाल में फंस गया. जिले में मुक्तिधाम निर्माण में चालबाजों ने करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया. इस बात की एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए घोटालेबाजों पर कार्रवाई की मांग की है. पूरे मामले पर जिलाधिकारी ने जांच की बात कही है.

संत कबीर नगर में मुक्तिधाम

एक ही काम कई बार दिखाया
संत कबीर नगर जिले के मेहदावल नगर पंचायत में स्थित पंडित पुरवा में बने मुक्तिधाम के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. मुक्तिधाम में एक ही काम को कई बार दिखाकर बड़ी राशि का हेरफेर किया गया. मामला उजागर तब हुआ जब अनुराग त्रिपाठी नाम के एक युवक ने जिलाधिकारी से लेकर उच्चाधिकारियों तक मामले की शिकायत की.

ये है शिकायतकर्ता का दावा
शिकायतकर्ता अनुराग त्रिपाठी ने अपने शिकायती पत्र में दावा किया है कि पंडितपूर्वा के श्मशान घाट पर 2008 में आरईएस विभाग की ओर से क्रिटिकल गैप फंड से 7 लाख 93 हजार रुपये खर्च किए गए. वहीं 2015 में नगर विकास अनुभाग-5 के द्वारा शहरी क्षेत्रों में अंत्येष्टि स्थलों के विकास के लिए 98 लाख 40 हज़ार रुपए खर्च किए गए और 2016 में नगर विकास विभाग- 7 के द्वारा अंत्येष्टि स्थलों की विकास योजना (राज्य सेक्टर अनुसूचित जाति प्लान) के अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य नगरी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अंत्येष्टि स्थलों के विकास में नगर पंचायत मेहदावल ने फिर इसी जगह पर 1 करोड़ रूपये खर्च कर दिए, जबकि निर्माण कार्य का ये स्थल अलग जगह होना चाहिए था. इन तीनों विभागों द्वारा प्राप्त धनराशि को एक ही स्थल (पंडित पुरवा) पर दिखा कर सारे धन की बंदर बांट कर ली गई. जबकि विशेषकर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अलग से अंत्येष्टि घर का निर्माण नगर पंचायत को कराना था. नगर पंचायत ने उसका निर्माण कहीं नहीं कराया और पंडित पुरवा में बने अंत्येष्टि घर मुक्ति धाम को दिखाकर घोटालेबाज सरकारी धन को डकार गए. इतना ही नहीं अभी 2020 में भी नगर पंचायत द्वारा इसी पंडित पुरवा स्थित अंत्येष्टि घर पर बाथरूम, शौचालय निर्माण के नाम पर फिर से लगभग 40 लाख रुपये फर्जी तरीके से घोटालेबाज हजम कर गए. इस तरह करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए.

इसे भी पढ़ेंः ...जब होली के रंगों में रंग गईं जिलाधिकारी

होगी जांच
पूरे मामले पर नगर पंचायत मेहदावल के अधिशासी अधिकारी प्रवीण शुक्ला मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए, वहीं एडीएम मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी प्राप्त की गई है. जांच कर जो भी तथ्य सामने आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

संत कबीर नगरः मुक्तिधाम और श्मशान घाट ऐसा स्थान है, जहां मरने के बाद लोगों का दाह संस्कार किया जाता है. कहा जाता है कि यहां आकर कुछ समय के लिए लोगों की मोह-माया खत्म हो जाती है लेकिन अब तो मुक्तिधाम ही मायाजाल में फंस गया. जिले में मुक्तिधाम निर्माण में चालबाजों ने करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया. इस बात की एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए घोटालेबाजों पर कार्रवाई की मांग की है. पूरे मामले पर जिलाधिकारी ने जांच की बात कही है.

संत कबीर नगर में मुक्तिधाम

एक ही काम कई बार दिखाया
संत कबीर नगर जिले के मेहदावल नगर पंचायत में स्थित पंडित पुरवा में बने मुक्तिधाम के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. मुक्तिधाम में एक ही काम को कई बार दिखाकर बड़ी राशि का हेरफेर किया गया. मामला उजागर तब हुआ जब अनुराग त्रिपाठी नाम के एक युवक ने जिलाधिकारी से लेकर उच्चाधिकारियों तक मामले की शिकायत की.

ये है शिकायतकर्ता का दावा
शिकायतकर्ता अनुराग त्रिपाठी ने अपने शिकायती पत्र में दावा किया है कि पंडितपूर्वा के श्मशान घाट पर 2008 में आरईएस विभाग की ओर से क्रिटिकल गैप फंड से 7 लाख 93 हजार रुपये खर्च किए गए. वहीं 2015 में नगर विकास अनुभाग-5 के द्वारा शहरी क्षेत्रों में अंत्येष्टि स्थलों के विकास के लिए 98 लाख 40 हज़ार रुपए खर्च किए गए और 2016 में नगर विकास विभाग- 7 के द्वारा अंत्येष्टि स्थलों की विकास योजना (राज्य सेक्टर अनुसूचित जाति प्लान) के अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य नगरी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अंत्येष्टि स्थलों के विकास में नगर पंचायत मेहदावल ने फिर इसी जगह पर 1 करोड़ रूपये खर्च कर दिए, जबकि निर्माण कार्य का ये स्थल अलग जगह होना चाहिए था. इन तीनों विभागों द्वारा प्राप्त धनराशि को एक ही स्थल (पंडित पुरवा) पर दिखा कर सारे धन की बंदर बांट कर ली गई. जबकि विशेषकर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अलग से अंत्येष्टि घर का निर्माण नगर पंचायत को कराना था. नगर पंचायत ने उसका निर्माण कहीं नहीं कराया और पंडित पुरवा में बने अंत्येष्टि घर मुक्ति धाम को दिखाकर घोटालेबाज सरकारी धन को डकार गए. इतना ही नहीं अभी 2020 में भी नगर पंचायत द्वारा इसी पंडित पुरवा स्थित अंत्येष्टि घर पर बाथरूम, शौचालय निर्माण के नाम पर फिर से लगभग 40 लाख रुपये फर्जी तरीके से घोटालेबाज हजम कर गए. इस तरह करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए.

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होगी जांच
पूरे मामले पर नगर पंचायत मेहदावल के अधिशासी अधिकारी प्रवीण शुक्ला मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए, वहीं एडीएम मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी प्राप्त की गई है. जांच कर जो भी तथ्य सामने आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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