संतकबीर नगरः जिले के मगहर कस्बे में स्थित महान सूफीसंत कबीर की निर्वाण स्थली स्थित है. यहां हर साल 12 जनवरी से 18 जनवरी तक मगहर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इसके लिए सरकार 40 लाख रुपये का बजट देती है, लेकिन मगहर महोत्सव में कार्यक्रम के दौरान एक हैरान करने वाली तस्वरी देखने को मिली. जब मंच पर कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति करते रहे थे. तब सामने खाली पड़ी सैकड़ों कुर्सियां दर्शकों का इंतजार करती रही.
वहीं जब खाली पड़ी कुर्सियों के मामले पर कबीर चौरा के महंत विचार दास से सवाल किया गया तो उनके जवाब ने मगहर महोत्सव पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया. महंत ने कहा कि मगहर महोत्सव अपने सिद्धांतों से भटक गया है. क्योंकि जब भक्त लोगों को हम बुलाते हैं तो भक्त यह कहकर आने के लिए मना कर देते हैं कि वहां पर तो पर सिर्फ नाच गाना और लोकल नेता लोग अपनी बात कहते हैं.
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इसलिए कबीर के भक्त इस महोत्सव से कटते गए. इतना ही नही महंत विचार दास ने महोत्सव समिति पर सवाल खड़े करते हुए कहा की, हमने समिति से यह बात पहले ही कही थी. मगहर महोत्सव के द्वारा जो संदेश लोगों में जाना चाहिए था. वह लोगों के बीच नहीं जा पा रहा है.