संत कबीर नगरः जिले के मगहर नगर पंचायत के निर्दलीय प्रत्याशी नीरजा गुप्ता की आंखों में उस वक्त आंसू छलक उठे जब वह खलीलाबाद तहसील में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद ईटीवी भारत से बात कर रही थी. नीरजा गुप्ता वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चे की जिलाध्यक्ष भी हैं. जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया तब उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नगर पंचायत मगहर की चेयरमैन पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे पार्टी ने टिकट नही दिया तो क्या हुआ? जनता मेरे साथ है. जनता के आशीर्वाद से मुझे जीत मिलेगी. बीजेपी ने जो गलती की है उसका वह खामियाजा भुगतेगी.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में जब बीजेपी की न तो केंद्र में सरकार थी और न ही प्रदेश में, उस वक्त जब पार्टी का झंडा लेकर चलने वाले उनके पति अश्वनी गुप्ता थे. मगहर में उन्होंने बड़ी जीत दर्ज करते हुए चेयरमैन की कुर्सी हासिल की थी.
साल 2017 में बीजेपी ने अश्वनी गुप्ता को जब टिकट नही दिया तब उन्होंने अपनी पत्नी नीरजा को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था. वर्ष 2017 के चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बाबजूद नीरजा गुप्ता मामूली अंतरों से चुनाव हार गई थी. इस बार के चुनाव में निवर्तमान चेयरमैन संगीता वर्मा की जगह टिकट की रेस में सबसे आगे चलने वाली नीरजा को जब टिकट नही मिला तब उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी ताल ठोक दिया.
बता दें कि नीरजा गुप्ता के पति पूर्व चेयरमैन अश्वनी गुप्ता एक मामले में जेल में हैं. नीरजा गुप्ता का कहना है कि विपक्षियों ने चाल चलकर उनके पति को जेल भिजवाया है, जिसका बदला जनता उन्हें जीत के रूप में देने जा रही है.
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