संतकबीर नगर : जिले में पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति के समान सुविधाएं देने को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे पूरी करने की मांग की.
पूर्व में प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर लिया था, लेकिन बाद में मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि किसी भी राज्य सरकार को ये फैसला लेने का हक नहीं है. जिसके विरोध में अब सुर उठने लगे हैं.
पिछड़ी जातियों ने लामबंद होकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
- पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति के समान सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया.
- प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे पूरी करने की मांग की है.
- मांगे पूरी न होने पर पिछड़ी जाति के लोगों ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
17 पिछड़ी जातियों को सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में जोड़ने की बात कही गई थी, लेकिन मामला न्यायालय से खारिज कर दिया गया. 2019 में दिए गए आदेश के मुताबिक 17 पिछड़ी जातियों को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, लेकिन हाईकोर्ट इलाहाबाद द्वारा इस पर रोक लगा दी गई. पिछड़ी जातियों को अनुसूचित वर्गों के समान रिजर्व सुविधाएं दी जाएं.
-अनिल कुमार प्रजापति, अध्यक्ष , प्रजापति महासंघ