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संतकबीरनगर: आंगनबाड़ी केंद्र हैं बदहाल तो कैसे स्वस्थ होंगे नौनिहाल

जिले के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का आंगनबाड़ी केंद्र दो सालों से बंद पड़ा है. इस मामले में ईटीवी भारत ने डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि ग्राम निधि का पैसा वितरण होने के बाद भी कायाकल्प नहीं किया है तो कार्रवाई की जाएगी.

आंगनबाड़ी केंद्र हो बदहाल, तो कैसे स्वस्थ होंगे नौनिहाल
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Published : Jul 8, 2019, 9:49 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीरनगर: एक तरफ जहां सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना कर ग्रामीणों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में जुटी है. दूसरी तरफ सरकार की इस योजना पर जिम्मेदार ही पलीता लगा रहें है. ताजा मामला जिले के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का सामने आया है. जहां का आंगनबाड़ी केंद्र बनने के बाद अभी तक खुला नहीं है.

आंगनबाड़ी केंद्र दो सालों से पड़ा है बंद.

जानिए क्या है पूरा मामला-

  • मामला जनपद के सेमरियावां विकासखंड के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का है.
  • ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016-17 में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना कराई गई थी.
  • आंगनबाड़ी केंद्र का लक्ष्य ग्रामीणों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना था.
  • आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना जब से हुई है तब से एक भी दिन केंद्र खुला तक नहीं है.
  • वहीं इस्तेमाल होने से पहले यह केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है.
  • समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण जिम्मेदार और वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया.
  • अधिकारी आए और चले गए लेकिन किसी ने केंद्र की हालत सुधारने की सुध नहीं ली.
  • गांव की किसी भी गर्भवती महिला को अभी तक बाल विकास पुष्टाहार के तहत कोई लाभ नहीं मिल सका है.

जिले में जो भी आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी भवन है उनके कायाकल्प का अभियान चलाया जा रहा है. कुछ ग्राम पंचायत ऐसे हो सकते है जो धन अभाव के कारण छूट गए हो. तो एक बार वहां देखना होगा कि वहां कायाकल्प क्यों नहीं हुआ है और अगर ग्राम निधि का पैसा वितरण होने के बाद भी कायाकल्प नहीं किया है तो कार्रवाई की जाएगी.
-आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ

संतकबीरनगर: एक तरफ जहां सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना कर ग्रामीणों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में जुटी है. दूसरी तरफ सरकार की इस योजना पर जिम्मेदार ही पलीता लगा रहें है. ताजा मामला जिले के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का सामने आया है. जहां का आंगनबाड़ी केंद्र बनने के बाद अभी तक खुला नहीं है.

आंगनबाड़ी केंद्र दो सालों से पड़ा है बंद.

जानिए क्या है पूरा मामला-

  • मामला जनपद के सेमरियावां विकासखंड के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का है.
  • ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016-17 में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना कराई गई थी.
  • आंगनबाड़ी केंद्र का लक्ष्य ग्रामीणों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना था.
  • आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना जब से हुई है तब से एक भी दिन केंद्र खुला तक नहीं है.
  • वहीं इस्तेमाल होने से पहले यह केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है.
  • समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण जिम्मेदार और वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया.
  • अधिकारी आए और चले गए लेकिन किसी ने केंद्र की हालत सुधारने की सुध नहीं ली.
  • गांव की किसी भी गर्भवती महिला को अभी तक बाल विकास पुष्टाहार के तहत कोई लाभ नहीं मिल सका है.

जिले में जो भी आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी भवन है उनके कायाकल्प का अभियान चलाया जा रहा है. कुछ ग्राम पंचायत ऐसे हो सकते है जो धन अभाव के कारण छूट गए हो. तो एक बार वहां देखना होगा कि वहां कायाकल्प क्यों नहीं हुआ है और अगर ग्राम निधि का पैसा वितरण होने के बाद भी कायाकल्प नहीं किया है तो कार्रवाई की जाएगी.
-आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ

Intro:एक तरफ जहाँ सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना कर ग्रामीणों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में जुटी है तो दूसरी तरफ सरकार की इस योजना पर जिम्मेदार ही पलीता लगा रहें है।ताजा मामला सेमरियावां के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का है जहां के आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति वर्तमान में बदहाल हो चुकी है।


Body:दरअसल यह पूरा मामला जनपद के सेमरियावां विकासखंड के देवरियानासिर ग्राम पंचायत का है जहां पर वित्तीय वर्ष 2016- 17 में आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना कराई गई थी ताकि ग्रामीणों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।लेकिन इस योजना पर जिम्मेदारों ने पानी फेर दिया है आपको बता दें कि जब से इस आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना की गई है तब से लेकर आज तक यह केंद्र एक भी दिन नहीं खुला है जिसकी वजह से इस्तेमाल होने से पहले यह केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जहां एक तरफ समय-समय पर आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण जिम्मेदार और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है लेकिन अधिकारियों ने अबतक इस आंगनवाड़ी केंद्र की सुध नही ली। आंगनबाड़ी केंद्रों पर एएनएम की तैनाती विभाग द्वारा की जाती है लेकिन आज तक इस गांव की किसी गर्भवती ग्रामीण महिला को ना तो बाल विकास पुष्टाहार के तहत कोई लाभ मिला और ना ही इस मामले पर ग्राम प्रधान ने कोई ठोस कदम उठाएं।

बाईट
आलोक प्रियदर्शी
डीपीआरओ


Conclusion:हालांकि इस पूरे मामले पर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी ने जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही है लेकिन यह अब यह देखने वाली बात होगी कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब तक तय की जाएगी और ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ कब तक मिल पाएगा।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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