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...अपना अस्तित्व खो रही जीवनदायिनी आमी नदी

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Published : Jun 8, 2019, 3:19 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

पूर्वांचल के सिद्धार्थ नगर,बस्ती,संतकबीरनगर और गोरखपुर से होकर बहने वाली आमी नदी आज दूषित हो चुकी है. संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर के ठीक बगल से होकर गुजरने वाली यह नदी कभी अपनी साफ-सफाई को लेकर पूरे पूर्वांचल में मशहूर हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान के हालात नदी की बदहाल व्यवस्था को बयां कर रहे हैं.

नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है आमी नदी.

संतकबीर नगर: पूर्वांचल की प्रमुख नदियों में से एक आमी नदी का अस्तित्व खतरे में है. कभी जीवनदायिनी के नाम से मशहूर यह नदी आज अपने वर्तमान स्थिति पर रोने को मजबूर है. आमी नदी वर्तमान में एक नाली के रूप में तब्दील हो चुकी है, जिसमें कचरे का अंबार लगा हुआ है. न तो कोई जिम्मेदार इस नदी की सफाई को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और न ही सरकार इस नदी के अस्तित्व को बचाने में सफल दिखाई दे रही है.

नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है आमी नदी.

...पूरा नहीं हुआ पीएम मोदी का वादा

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संत कबीर नगर पहुंचे थे तो उन्होंने कबीर अकादमी बनाने के साथ साथ आमी नदी के सौंदर्यीकरण की भी बात कहीं थी.
  • केंद्र सरकार के द्वारा इस काम के लिए कुल 24 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन अब तक न तो कबीर अकादेमी बनकर तैयार हुआ है और न ही आमी नदी की बदहाल व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है.
  • स्थानीय लोगों का कहना है यहां के चेयरमैन ने भी इस नदी के अस्तित्व को बचाने में अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से पालन नहीं किया है.
  • नदी में कचरे का अंबार लगा हुआ है लेकिन इसकी साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार अधिकारी आज भी लापरवाह हैं.
  • जिले से होकर बहने वाली नदियां जीवनदायिनी का काम करती थी.
  • आस-पास के जानवरों से लेकर यहां के लोगों के लिए इस नदी का पानी बहुउपयोगी हुआ करता था, लेकिन आज यह नदी एक नाले में तब्दील हो गई है.
  • वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने एक महीने के भीतर समस्या को दूर करने का दावा किया है.

पहले यह नदी चौड़ी भी थी, लेकिन अब यह नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है, इसकी देखभाल भी कोई नहीं करता है.
-जमील, स्थानीय निवासी

इस नदी में पहले लोग नहाने भी आते थे, लेकिन स्थिति यह है कि अब इसमें कोई घुसता भी नहीं.
-रूपेश गुप्ता, स्थानीय निवासी

संतकबीर नगर: पूर्वांचल की प्रमुख नदियों में से एक आमी नदी का अस्तित्व खतरे में है. कभी जीवनदायिनी के नाम से मशहूर यह नदी आज अपने वर्तमान स्थिति पर रोने को मजबूर है. आमी नदी वर्तमान में एक नाली के रूप में तब्दील हो चुकी है, जिसमें कचरे का अंबार लगा हुआ है. न तो कोई जिम्मेदार इस नदी की सफाई को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और न ही सरकार इस नदी के अस्तित्व को बचाने में सफल दिखाई दे रही है.

नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है आमी नदी.

...पूरा नहीं हुआ पीएम मोदी का वादा

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संत कबीर नगर पहुंचे थे तो उन्होंने कबीर अकादमी बनाने के साथ साथ आमी नदी के सौंदर्यीकरण की भी बात कहीं थी.
  • केंद्र सरकार के द्वारा इस काम के लिए कुल 24 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन अब तक न तो कबीर अकादेमी बनकर तैयार हुआ है और न ही आमी नदी की बदहाल व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है.
  • स्थानीय लोगों का कहना है यहां के चेयरमैन ने भी इस नदी के अस्तित्व को बचाने में अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से पालन नहीं किया है.
  • नदी में कचरे का अंबार लगा हुआ है लेकिन इसकी साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार अधिकारी आज भी लापरवाह हैं.
  • जिले से होकर बहने वाली नदियां जीवनदायिनी का काम करती थी.
  • आस-पास के जानवरों से लेकर यहां के लोगों के लिए इस नदी का पानी बहुउपयोगी हुआ करता था, लेकिन आज यह नदी एक नाले में तब्दील हो गई है.
  • वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने एक महीने के भीतर समस्या को दूर करने का दावा किया है.

पहले यह नदी चौड़ी भी थी, लेकिन अब यह नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है, इसकी देखभाल भी कोई नहीं करता है.
-जमील, स्थानीय निवासी

इस नदी में पहले लोग नहाने भी आते थे, लेकिन स्थिति यह है कि अब इसमें कोई घुसता भी नहीं.
-रूपेश गुप्ता, स्थानीय निवासी

Intro:संत कबीर नगर
एंकर
पूर्वांचल की प्रमुख नदियों में से एक आमी नदी का अस्तित्व खतरे में है।कभी जीवनदायिनी के नाम से मशहूर यह नदी आज अपने वर्तमान स्थिति पर रोने को मजबूर है।आपको बता दें किया आमी नदी वर्तमान में एक नाली के रूप में तब्दील हो चुकी है,जिसमें कचरे का अंबार लगा हुआ है।ना तो कोई जिम्मेदार इस नदी की सफाई को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और ना ही सरकार इस नदी के अस्तित्व को बचाने में सफल दिखाई दे रही है।


Body:पूर्वांचल के सिद्धार्थ नगर,बस्ती,संतकबीरनगर और गोरखपुर से होकर बहने वाली आमी नदी आज दूषित हो चुकी है।आपको बता दें कि संत कबीर नगर के मगहर से यह नदी होकर गुजरती है। संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर के ठीक बगल से होकर गुजरने वाली यह नदी कभी अपनी साफ-सफाई को लेकर पूरे पूर्वांचल में मशहूर हुआ करती थी। लेकिन वर्तमान के हालात इस नदी की बदहाल व्यवस्था को बयां कर रहे हैं।आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संत कबीर नगर पहुंचे थे तो उन्होंने कबीर अकादमी बनाने के साथ साथ आमी नदी के सौंदर्यीकरण की भी बात कहीं थी, इसको लेकर केंद्र सरकार के द्वारा कुल 24 करोड़ रुपए दिए गए थे लेकिन अब तक न तो कबीर अकादेमी बनकर तैयार हुआ है और ना ही आमी नदी की बदहाल व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है यहां के चेयरमैन ने भी इस नदी के अस्तित्व को बचाने में अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से पालन नहीं किया है नदी में कचरे का अंबार लगा हुआ है लेकिन इसकी साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार अधिकारी आज भी लापरवाह हैं।प्रदेश भीषण गर्मी की मार झेल रहा है जिसमें जिले से होकर बहने वाली नदियां जीवनदायिनी का काम करती थी।आसपास के जानवरों से लेकर यहां के लोगों के लिए इस नदी का पानी बहुउपयोगी हुआ करता था लेकिन आज यह नदी एक नाले में तब्दील हो गई है जहां कचरे का अंबार लगा हुआ है।वही नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने 1 महीने के भीतर समस्या को दूर करने का दावा किया है।
बाईट
जमील(स्थानीय)

बाईट2
रूपेश गुप्ता( स्थानीय)

गुड्डू वर्मा
नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि

पिटीसी
गौरव तिवारी



Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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