संतकबीर नगर: पूर्वांचल की प्रमुख नदियों में से एक आमी नदी का अस्तित्व खतरे में है. कभी जीवनदायिनी के नाम से मशहूर यह नदी आज अपने वर्तमान स्थिति पर रोने को मजबूर है. आमी नदी वर्तमान में एक नाली के रूप में तब्दील हो चुकी है, जिसमें कचरे का अंबार लगा हुआ है. न तो कोई जिम्मेदार इस नदी की सफाई को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और न ही सरकार इस नदी के अस्तित्व को बचाने में सफल दिखाई दे रही है.
...पूरा नहीं हुआ पीएम मोदी का वादा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संत कबीर नगर पहुंचे थे तो उन्होंने कबीर अकादमी बनाने के साथ साथ आमी नदी के सौंदर्यीकरण की भी बात कहीं थी.
- केंद्र सरकार के द्वारा इस काम के लिए कुल 24 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन अब तक न तो कबीर अकादेमी बनकर तैयार हुआ है और न ही आमी नदी की बदहाल व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है.
- स्थानीय लोगों का कहना है यहां के चेयरमैन ने भी इस नदी के अस्तित्व को बचाने में अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से पालन नहीं किया है.
- नदी में कचरे का अंबार लगा हुआ है लेकिन इसकी साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार अधिकारी आज भी लापरवाह हैं.
- जिले से होकर बहने वाली नदियां जीवनदायिनी का काम करती थी.
- आस-पास के जानवरों से लेकर यहां के लोगों के लिए इस नदी का पानी बहुउपयोगी हुआ करता था, लेकिन आज यह नदी एक नाले में तब्दील हो गई है.
- वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने एक महीने के भीतर समस्या को दूर करने का दावा किया है.
पहले यह नदी चौड़ी भी थी, लेकिन अब यह नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है, इसकी देखभाल भी कोई नहीं करता है.
-जमील, स्थानीय निवासीइस नदी में पहले लोग नहाने भी आते थे, लेकिन स्थिति यह है कि अब इसमें कोई घुसता भी नहीं.
-रूपेश गुप्ता, स्थानीय निवासी